चण्डीगढ़ संशोधित संचित दिशा-निर्देशानुसार प्राप्त छूट के कारण इस क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां पुनः प्रारंभ हो गईं हैं। लॉकडाऊन के दौरान एक राहत उपाय के तौर पर वस्तुओं की अंतर राज्यी (इन्टर सटेट) व राज्य के भीतर (इन्ट्रा सटेट) आवाजाही, कृषि व बाग़बानी गतिविधियां, कोल्ड स्टोरेज व गोदामों से संबंधित गतिविधियां इत्यादि संपूर्ण देश में आर्थिक गतिविधियों की निरंतरता को सुनिश्चित बना रही हैं। यह सब सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को दिए जाने वाले महत्त्व एवं कोविड-19 विरुद्ध उसकी निरंतर जंग को दर्शाता है। कृषि के कार्यों में लगे किसानों हेतु यह अत्यधिक सहायता सिद्ध हुई है तथा उसके पश्चात् संबंधित राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों के दुकानों व संस्थानों संबंधी अधिनियम के अंतर्गत पुस्तकों की दुकानें, बिजली के सामान की दुकानें खोलने से इन कार्यों पर निर्भर रहने वाले परिवारों की बहुत सहायता हुई है। हॉट-स्पॉट ज़िलों के कंटेनमैन्ट ज़ोन्स को छोड़ कर यह सभी ढील संपूर्ण देश में लागू हैं।
केन्द सरकार द्वारा ग्रीन ज़ोन्स में अन्य वर्गों जैसे कि बिजली के सामान तथा स्टेशनरी की दुकानें खोलने की अनुमति देने से हरियाणा के जीन्द ज़िले में ग्राहकों को राहत मिली है। एक ग्राहक ने कहा कि ग्रीष्म ऋतु में बिजली के सामान की दुकानें पुनः खुलने से बहुत मदद मिलेगी। बाहर के क्षेत्रों में ग़ैर-ज़रूरी वस्तुओं हेतु दुकानें पुनः खोले जाने का समर्थन करते हुए एक अन्य ग्राहक ने कहा कि लोगों को केवल किसी अत्यावश्यक कार्य हेतु ही घरों से बाहर आना चाहिए। हरियाणा के एक दुकानदार ने भारत सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे उन्हें अपना समय उत्पादक ढंग से व्यतीत करने में सहायता मिलेगी।
https://twitter.com/PIBShimla/status/1255093845122940928?s=09 (हरियाणा में स्टेशनरी की दुकान)
https://twitter.com/PIBChandigarh/status/1255370726749753344 (जीन्द में ग्राहक)
https://twitter.com/PIBChandigarh/status/1255371653711892482 (हरियाणा में ग्राहक)
बार्डर रोड्स आरगेनाइज़ेशन (बीआरओ – सीमा सड़क संगठन) द्वारा भी इस संकट की घड़ी में पहाड़ी व दूर-दराज़ के क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुएं पहुंचाना सुनिश्चित किया जा रहा है। लाहौल-स्पिति वादी के निवासियों को राहत के तौर पर हिमाचल प्रदेश में मनाली-लेह सड़क पर नीतिगत रोहतांग दर्रा आम समय से तीन सप्ताह पूर्व ही खोल दिया गया है। निर्माण गतिविधियां पुनः प्रारंभ होने से मज़दूरों को भी बहुत सहायता मिली है।
https://twitter.com/PIBChandigarh/status/1255396647225430016?s=09 (रोहतांग दर्रा)
https://twitter.com/PIBShimla/status/1255362551711502338?s=09 (जालन्धर में कामगार)
https://twitter.com/PIBChandigarh/status/1255449075950006272?s=09 (हिमाचल प्रदेश में दिहाड़ीदार मज़दूर)
एक ओर जहां आर्थिक गतिविधियां पुनः प्रारंभ हो रही हैं तथा कृषि से संबंधित गतिविधियां भी अपने शिखर पर हैं; उधर ग़रीबों को ‘प्रधान मंत्री ग़रीब कल्याण योजना’ के अंतर्गत प्राप्त राहत पैकेज से बहुत मदद मिली है। इस पैकेज की घोषणा विगत माह लॉकडाऊन के प्रभावों का सामना करने में गरीबों को सक्षम बनाने हेतु की गई थी। भारत सरकार ने ‘आरोग्य-सेतु’ नामक एक ऐप भी लांच की है, जो कोरोना वायरस की छूत पकड़ने के ख़तरे के दौरान लोगों को अपना स्वयं का मूल्यांकन करने के योग्य बनाती है।