नई दिल्ली, Sawan 2024 Rangoli Design: सावन का महीना भगवान शिव और प्रकृति के आगमन का महीना होता है। इस महीने में चारों ओर हरियाली छा जाती है और वातावरण खुशबू से भर जाता है। सावन के इस पवित्र महीने में लोग भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं और विभिन्न त्यौहार मनाते हैं।
रंगोली इस महीने की विशेष रौनक होती है। रंगोली रंगों और कला का अद्भुत मेल है, जो घरों के आंगन और मंदिरों को सजाता है। सावन की रंगोली में प्रकृति और भक्ति का संगम देखने को मिलता है।
कैसे रंग प्रयोग करें
सावन की रंगोली में हरे, पीले, सफेद और नीले रंगों का प्रयोग अधिक होता है। हरा रंग प्रकृति का प्रतीक है, पीला रंग खुशी और समृद्धि का प्रतीक है, सफेद रंग शुद्धता का प्रतीक है और नीला रंग भगवान शिव का प्रिय रंग माना जाता है।
रंगोली के डिजाइन
सावन की रंगोली में विभिन्न प्रकार के डिजाइन बनाए जाते हैं। कुछ लोकप्रिय डिजाइन इस प्रकार हैं:
त्रिशूल: भगवान शिव का त्रिशूल सबसे प्रसिद्ध डिजाइनों में से एक है। इसे रंगोली में विभिन्न रंगों से बनाया जा सकता है।
शिवलिंग: शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक है। इसे रंगोली में सफेद रंग से बनाया जाता है और इसके चारों ओर रंगों से विभिन्न आकृतियां बनाई जाती हैं।
बेलपत्र: बेलपत्र भगवान शिव को प्रिय है। इसे रंगोली में हरे रंग से बनाया जाता है।
नंदी: नंदी भगवान शिव का वाहन है। इसे रंगोली में सफेद या भूरे रंग से बनाया जाता है।
पार्वती: पार्वती भगवान शिव की पत्नी हैं। इसे रंगोली में लाल या पीले रंग से बनाया जाता है।
फूल: सावन में विभिन्न प्रकार के फूल खिलते हैं। इन फूलों को रंगोली में भी उकेरा जाता है।
बनाने की विधि
इसे बनाने के लिए रंगीन आटे, चावल के आटे, या रंगों का प्रयोग किया जाता है। सबसे पहले, फर्श को साफ करके सूखा लें। फिर, अपनी पसंद का डिजाइन बना लें। डिजाइन बनाने के लिए आप विभिन्न प्रकार के सांचों का भी प्रयोग कर सकते हैं।
क्या है महत्व
इसका का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। ऐसा माना जाता है कि रंगोली भगवान को प्रसन्न करती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा लाती है। रंगोली बनाने से रचनात्मकता और कलात्मकता का विकास होता है।
सावन की रंगोली केवल एक कलाकृति नहीं है, बल्कि यह भक्ति और प्रकृति का भी प्रतीक है। यह रंगोली हमें प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने का अवसर प्रदान करती है।