East-Asia Summit: दुनिया में शांति बहाली बेहद जरूरी, यह जंग का युग नहीं : मोदी

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East-Asia Summit: दुनिया में शांति बहाल करना बेहद जरूरी यह जंग का युग नहीं : मोदी
East-Asia Summit: दुनिया में शांति बहाल करना बेहद जरूरी यह जंग का युग नहीं : मोदी

PM Modi In Laos, (आज समाज), वियनतियाने: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते कल ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए लाओस की राजधानी वियनतियाने पहंचे थे। आज उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विश्व के कुछ देशों में जारी युद्ध पर गहरी चिंता जताई। पीएम ने कहा, यह जंग का युग नहीं है और इस समय दुनिया में शांति बहाली होना बहुत जरूरी है।

भारत और आसियान की दोस्ती महत्वपूर्ण

प्रधानमंत्री ने आसियान देशों की एकजुटता पर भी जोर दिया है। उन्होंने कहा, यह हमारे इंडो-पैसिफिक विजन का पार्ट है। गुरुवार को उन्होंने वियनतियाने में इंडिया-आसियान समिट को संबोधित किया था। पीएम ने कहा, मेरा मानना है कि 21वीं सदी इंडिया व आसियान देशों की है और भारत सदैव आसियान देशों के बीच एकता का पक्षधर रहा है।

उन्होंने कहा, दुनिया के कई हिस्सों में बीते काफी समय से तनाव और संघर्ष की स्थिति बनी हुई है और इस बीच भारत और आसियान की दोस्ती, सहयोग व संवाद बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने एक बार फिर कहा, मैं बुद्ध की धरती से आता हूं और हमने हमेशा कहा है कि मौजूदा समय जंग का नहीं है।

भारत- ब्रुनेई के बीच सीधी उड़ान का ऐलान

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैंने भारत की एक्ट-ईस्ट नीति का ऐलान किया और बीते एक दशक में इस नीति ने भारत और आसियान देशों के रिश्तों को नई दिशा के साथ ही ऊर्जा व गति दी है। पीएम ने इस बीच वियनतियाने में भारत और ब्रुनेई के बीच सीधी उड़ानें शुरू करने का भी ऐलान किया।

बौद्ध भिक्षुओं ने कल वियनतियाने में भव्य स्वागत किया

बता दें कि पीएम मोदी ने लाओस में 10वीं बार इंडिया-आसियान समिट में शिरकत की है। पिछले कल राजधानी वियनतियाने पहुंचने पर बौद्ध भिक्षुओं ने भारतीय प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत किया। मोदी ने इसके बाद वहां रामायण भी देखी। ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन शुरू होने से पूर्व उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से भी मुलाकात की।

सम्मेलन में म्यांमार में लंबे समय से चल रहे गृहयुद्ध पर भी बातचीत हुई। बता दें कि फरवरी 2021 में म्यांमार सेना ने आंग सान सू की सरकार का तख्तापलट कर दिया था। इस संघर्ष में इस देश में लगभग 6,000 लोग मारे गए हैं और 30 लाख से ज्यादा विस्थापित हुए हैं।

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