Earthquake: जापान में 6.5 और तिब्बत में 5.2 तीव्रता का भूकंप

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Earthquake: जापान में 6.5 और तिब्बत में 5.2 तीव्रता का भूकंप
Earthquake: जापान में 6.5 और तिब्बत में 5.2 तीव्रता का भूकंप

Earthquake In Japan And Tibet, (आज समाज), टोक्यो/तिब्बत: जापान में 6.5 तीव्रता का भूकंप और तिब्बत में भी एक बार फिर धरती हिली है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनएससी) के मुताबिक जापान में सोमवार को 10 किलोमीटर की गहराई में, 31.84 उत्तरी अक्षांश और 132.54 पूर्वी देशांतर पर भूकंप आया।

पूरा जापान बहुत सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र में : यूएसजीएस

यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के अनुसार, पूरा देश बहुत सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र में है और उनके पास दुनिया का सबसे घना भूकंपीय नेटवर्क है, इसलिए वे कई भूकंप रिकॉर्ड करने में सक्षम हैं। एनएससी अधिकारियों के अनुसार तिब्बत के स्वायत्त क्षेत्र में भी सोमवार को भूकंप आया और रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5.2 मापी गई। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि इस भूकंप का केंद्र भी 10 किमी की गहराई पर था। यह 28.39 उत्तरी अक्षांश और 87.39 पूर्वी देशांतर पर दर्ज किया गया।

तिब्बत में 7 जनवरी को आया था 7.1 तीव्रता का भूकंप

गौरतलब है कि इससे पहले 7 जनवरी को तिब्बत में तीन भूकंपों की एक श्रृंखला आई थी, जिसमें सबसे शक्तिशाली भूकंप 7.1 तीव्रता का था। यूएसजीएस के अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय समयानुसार सुबह 09:05 बजे 10 किलोमीटर की गहराई पर 7.1 तीव्रता का भूकंप आया और इसके बाद कई झटके महसूस किए गए।

126 से ज्यादा लोगों की मौत, 300 से ज्यादा जख्मी

शक्तिशाली भूकंप में 126 से ज्यादा लोग मारे गए और 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए। रिपोर्टों के अनुसार, भूकंप का केंद्र टिंगरी काउंटी में था और वहां 1,000 से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हो गए। आपदा से 30,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

जानें भूकंप आने की वजह

भूकंप आने का मुख्य कारण धरती के अंदर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। धरती में 7 प्लेटें हैं, जो हमेशा घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेटें अधिक टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेटों के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेटें टूटने लगती हैं और नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं। ऐसी स्थिति में डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

रिक्टर स्केल से ऐसे की जाती है जांच

भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से की जाती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर इसके केंद्र से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का पता लगता है।

ऐसे मापा जाता है भूकंप का केंद्र

भूकंप का केंद्र यानी एपीसेंटर उस स्थान को कहते हैं जिसके बिलकुल नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। उस स्थान पर भूकंप का कंपन अधिक होता है। कंपन की आवृत्ति जैसे-जैसे दूर होती जाती है, इसका प्रभाव घटता जाता है। फिर भी अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है।

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