J&K Earthquake, (आज समाज), श्रीनगर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आज तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। मौसम विभाग के अनुसार ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर और आसपास के इलाकों में सुबह करीब पौने 11 बजे भूकंप आया और इसका केंद्र अफगानिस्तान में था। भूकंप के झटके महसूस होने के बाद दशहत के कारण लोग घरों से बाहर आ गए।
पाकिस्तान तक असर
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद समेत देश के कई हिस्सों तक भूकंप का असर रहा। पाकिस्तान मौसम विभाग ने भूकंप की तीव्रता 5.3 बताई है। जम्मू-कश्मीर में भले जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है और अब स्थिति सामान्य बताई जा रही है, लेकिन प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है। भूकंप से संभावित क्षति की विशेषज्ञ जांच कर रहे हैं।
हमेशा घूमती हैं धरती के अंदर मौजूद 7 प्लेटें
धरती के अंदर 7 प्लेटें हैं, जो हमेशा घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेटें अधिक टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेटों के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेटें टूटने लगती हैं और नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं। ऐसी स्थिति में डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
रिक्टर स्केल से ऐसे की जाती है भूकंप की जांच
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से की जाती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर इसके केंद्र से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का पता लगता है।
एपीसेंटर वाली जगह पर होता है ज्यादा कंपन
भूकंप का केंद्र यानी एपीसेंटर उस स्थान को कहते हैं जिसके बिलकुल नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। उस स्थान पर भूकंप का कंपन अधिक होता है। कंपन की आवृत्ति जैसे-जैसे दूर होती जाती है, इसका प्रभाव घटता जाता है। फिर भी अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है।
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