Earthquake Nepal-India: नेपाल में 6.1 तीव्रता का भूकंप, बिहार व दिल्ली तक असर

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Earthquake Nepal-India
नेपाल में 6.1 तीव्रता का भूकंप, बिहार व दिल्ली तक असर

Aaj Samaj (आज समाज), Earthquake Nepal-India, काठमांडू/दिल्ली: नेपाल में एक बार फिर धरती डोली है और इसका असर भारत तक रहा है। यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार आज सुबह करीब 7.24 बजे आए भूकंप की तीव्रता 6.1 मापी गई और इसका केंद्र काठमांडू से लगभग 55 किमी (35 मील) पश्चिम स्थित धाडिंग में था। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.3 थी।

  • पिछले सप्ताह भी रविवार को आया था भूकंप

14 किमी की गहराई पर था भूकंप

अधिकारियों ने बताया कि भूकंप 14 किमी (8.1 मील) की गहराई पर था और इसके झटके बागमती और गंडकी प्रांत के अन्य जिलों में भी महसूस किए गए। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। धाडिंग जिले के सबसे वरिष्ठ नौकरशाह बद्रीनाथ गैरे ने कहा, हमने भूकंप के बहुत तेज झटके महसूस किए और कुछ लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।

जानमाल के नुकसान की फिलहाल कोई रिपोर्ट नहीं

भूकंप के कारण किसी तरह के जानमाल के नुकसान की फिलहाल कोई रिपोर्ट नहीं है। गौरतलब है कि एक सप्ताह पहले गत रविवार को भी दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। दिल्ली के साथ ही नोएडा, गाजियाबाद और हरियाणा के कई हिस्सों में उस दिन धरती डोली थी। इससे पहले 3 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर में भूकंप आया था जिसकी तीव्रता जोरदार थी। लोग अपने घरों से निकलकर सड़कों पर आ गए थे।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में एक सप्ताह पहले आए भूकंप की तीव्रता 3.1 थी। शाम 4 बजकर 8 मिनट पर झटके  महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र हरियाणा का फरीदाबाद बताया जा रहा था। रविवार को छुट्टी होने की वजह से लोग अपने घरों में थे, लेकिन जैसे ही धरती हिली, लोग बाहर की ओर भागे। इस साल जनवरी से अब तक कई बार भूकंप दर्ज किया जा चुका है।

तीव्रता जितनी तेज, उतनी अधिक नुकसान की संभावना

भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर जितनी तेज रहेगी, नुकसान की संभावना भी उतनी ही अधिक रहती है। तीव्रता 0 से 1.9 के बीच हो तो यह पता नहीं चलता। केवल सीस्मोग्राफ पर ही इसकी जानकारी मिलती है। तीव्रता 2 से 2.9 के बीच रहने पर बहुत कम कंपन होती है। 3 से 3.9 तीव्रता वाले भूकंप से ऐसा लगेगा कि कोई भारी वाहन पास से गुजरा हो। वहीं 4 से 4.9 तीव्रता वाले भूकंप के आने पर पंखे, दीवरों पर टंगी तस्वीरें, इत्यादि हिलने लगती हैं। तीव्रता 5 से 5.9 के बीच होने पर भारी सामान और फर्नीचर हिल सकता है, तो 6 से 6.9 इमारत की तीव्रता वाले भूकंप घरों की नींव दरका सकते हैं. जब 7 से 7.9 की तीव्रता होती है तो विनाश होता है, इमारतें गिर जाती हैं, वहीं 8 से 8.9 की तीव्रता वाले भूकंप से सुनामी का खतरा होता है।

जानिए क्यों आते हैं भूकंप

धरती की ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से मिल कर बनी है। जहां भी ये प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है। भूकंप तब आता है जब इन प्लेट्स एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं, प्लेट्स एक दूसरे से रगड़ खाती हैं, उससे अपार ऊर्जा निकलती है, और उस घर्षण या फ्रिक्शन से ऊपर की धरती डोलने लगती है, कई बार धरती फट तक जाती है, कई बार हफ्तों तो कई बार कई महीनों तक ये ऊर्जा रह-रहकर बाहर निकलती है और भूकंप आते रहते हैं, इन्हें आफ्टरशॉक कहते हैं।

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