ई स्क्रैप नीति: पुराने वाहन को स्क्रैप करने वालों को मिलेगा सर्टिफिकेट

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नया वाहन खरीदने पर रजिस्ट्रेशन चार्ज, रोड टैक्स में मिलेगी छूट

अभिजीत भट्ट, गांधीनगर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर के महात्मा मंदिर में 15 साल पुराने वाहनों के लिए स्क्रैप नीति की घोषणा की। नई दिल्ली से वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होने के बाद, पीएम मोदी ने स्क्रैप नीति में एक महत्वपूर्ण घोषणा की कि जो कोई भी अपने पुराने वाहन को स्क्रैप में देगा, उसे स्क्रैप पर एक प्रमाण पत्र मिलेगा और इसकी प्रस्तुति पर नए वाहन की खरीद पर कोई पंजीकरण शुल्क नहीं लिया जाएगा।
इतना ही नहीं, आपको नया वाहन खरीदने पर लागू होने वाले रोड टैक्स में भी छूट मिलेगी। इस मौके पर गांधीनगर में सीएम विजय रूपाणी के अलावा केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे। गडकरी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा, “देश का पहला स्क्रैप प्लांट भावनगर के अलंग में स्थापित किया जाएगा। केंद्र की नई नीति 1 अक्टूबर, 2021 से लागू होगी। पुराने वाहनों से प्रदूषण केवल 10 से 12% अधिक है। कच्छ में पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए पार्क स्थापित किया जाएगा। स्क्रैप नीति अब पूरे देश में लागू की जा रही है।
इस अवसर पर वस्तुत: जुड़े हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 75वें स्वतंत्रता दिवस से पहले आज का कार्यक्रम आत्मनिर्भर भारत के महान लक्ष्यों को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह नीति न्यू इंडिया मोबिलिटी के आॅटो सेक्टर को एक नई पहचान देगी। इस नीति से देश को सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। स्क्रै पिंग नीति समय की बात है। इस नीति में उद्यमियों की बड़ी भूमिका है। इस नीति से 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा। अगले 25 साल देश के लिए अहम हैं। यह नीति पर्यावरण के लिए भी जरूरी है। निकट भविष्य में हमारे व्यावसायिक जीवन में बड़े बदलाव होंगे।
राष्ट्रीय स्क्रैपÞ नीति की घोषणा में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के घरों की बरसों पुरानी परंपरा का उदाहरण नहीं दिया। उन्होंने अपने चेहरे पर मुस्कान के साथ कहा, “पिछले कुछ सालों में रीसाइक्लिंग की अवधारणा दुनिया में आई है, लेकिन गुजरात के घरों में दादी सालों से रीसाइक्लिंग कर रही हैं। वे सिलाई करके लंबा कपड़ा बनाते हैं। इस कपड़े से वे हाथ बनाते हैं -सिले हुए आसनों, जो सर्दियों में ठंड से राहत देते हैं। इस प्रकार, रीसाइक्लिंग की अवधारणा गुजरात में हमारी दादी द्वारा वर्षों से प्रचलित है। ”
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ विकास भी जरूरी है। इस पॉलिसी से आम परिवारों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। यह नीति हमारे स्वास्थ्य पर प्रदूषण के प्रभाव को कम करेगी। गुजरात में अलंग को जहाज रीसाइक्लिंग हब के रूप में जाना जाता है। नई नीति अगले 25 वर्षों में बहुत कुछ बदलेगी। और प्रदूषण भी कम होगा। इस नीति से आम आदमी को काफी फायदा होगा और देश में रोजगार भी बढ़ेगा। पीएम मोदी ने आगे कहा कि आजादी के बाद आज आत्मनिर्भर भारत की नीति की शुरूआत हुई है। कचरे से कंचन तक पहुंचने के लिए यह नीति लागू की गई है।
कच्छ में पुराने वाहन के कबाड़ के लिए पार्क बनेगा। पुराने वाहन अधिक प्रदूषित होते हैं और सड़क सुरक्षा की भी समस्या होती है। स्क्रैप नीति जापान और बेल्जियम में लागू की गई है। एशियाई देश स्क्रैप के लिए गुजरात को स्क्रैप भेजेंगे जो कदल के जरिए गुजरात आएगा। गुजरात में चार-पांच जगहों पर पुराने वाहनों को ठिकाने लगाने के लिए स्क्रैप फेंस लगाए जाएंगे। कबाड़ में वाहन छोड़ने वालों को प्रमाण पत्र पर नया वाहन खरीदने पर रोड टैक्स में 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। वाणिज्यिक वाहनों के लिए इस राहत का प्रतिशत 15 रखा जाएगा। प्रमाण पत्र पर मोटर वाहन कर पर 25 प्रतिशत तक की छूट भी मिलेगी। नई नीति से देश में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा और आॅटो उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
इस नीति के लागू होते ही पुराने वाहनों को बंद कर दिया जाएगा। गुजरात में कुल 16,43,218 वाहनों को रद्द किया जाएगा। केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और वायु प्रदूषण की मात्रा को कम करने के उद्देश्य से एक नई स्क्रैप नीति लागू करने जा रही है। इस नीति के लागू होते ही गुजरात समेत पूरे देश में लाखों वाहन बंद हो जाएंगे। लोकसभा में पेश रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात में 15-20 साल पुराने वाहनों की संख्या 10,19,898 है जबकि 20 साल से पुराने वाहनों की संख्या 5,01,979 है। स्क्रैप नीति की घोषणा होते ही इन लाखों वाहनों को खत्म कर दिया जाएगा। नए पुलिस नियम के अनुसार, वर्ष 2005 से पहले वाहनों को रद्द कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा नीति की घोषणा के बाद गुजरात सरकार भी आंशिक बदलाव कर सकती है।

नई नीति से सरकार को क्या फायदा?
– स्क्रैपेज नीति महामारी के समय अर्थव्यवस्था के लिए जीवन रेखा की तरह काम करेगी।
– पुराने वाहनों के कबाड़ में जाने से प्रदूषण कम होगा। नए इंजन वाले वाहन खरीदने वाले उपभोक्ता ईंधन की खपत को कम करेंगे और प्रदूषण को कम करेंगे।
– विशेषज्ञों के अनुसार स्क्रैप में जाने वाले वाहन के स्थान पर नए वाहन की खरीद पर 50 से 100% जीएसटी लगने की संभावना है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल लेगी। नई नीति से सरकार को अगले पांच वर्षों में जीएसटी से 9,600 करोड़ रुपये और 4,900 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। जानकारों के मुताबिक पुराने वाहन के कबाड़ में जाने के बाद वाहन मालिक नया वाहन खरीदेगा, जिससे केंद्र और राज्यों को जीएसटी से 38,300 करोड़ रुपये का फायदा होगा।
– एक रिपोर्ट के अनुसार पुराने वाहनों को हटाने और नए वाहनों के आने से 9,550 करोड़ रुपये की बचत का अनुमान है।
– इससे अकेले अगले साल से 2,400 करोड़ रुपये की बचत होगी। एक वाहन में स्टील का हिस्सा 50 से 55 प्रतिशत होता है। इन वाहनों के स्क्रैप से लगभग 6,550 करोड़ रुपये मूल्य का स्टील स्क्रैप प्राप्त होगा और इतना स्क्रैप विदेशों से नहीं खरीदना पड़ेगा, जिससे स्टील का आयात कम होगा, जिससे वाहन सस्ते होने की संभावना है।
अगले एक साल में ही 1500 करोड़ रुपये के 15 स्टील स्क्रैप उपलब्ध होंगे। वर्तमान में कबाड़ बाजार में स्टील निकालने के लिए कोई संगठित इकाई नहीं है, साथ ही यह देखा गया है कि कबाड़ में वाहनों से इंजन हटाकर फर्जी वाहन बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।