Haryana Assembly Election: टिकट नहीं मिलने और कटने पर मानसून के दौर में जमकर बही नेताओं की अश्रुधारा और चला इस्तीफों का दौर

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कर्ण देव कांबोज ने सीएम से नहीं मिलाया हाथ। (फाइल फोटो)
कर्ण देव कांबोज ने सीएम से नहीं मिलाया हाथ। (फाइल फोटो)

कई पार्टियों के दिग्गज बिलखते आए नजर
(आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा में 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल जीत सुनिश्चित करने के लिए जमकर पसीना बहा रहे हैं। जारी मानसून में राजनीतिक पार्टियों मुख्य रूप से भाजपा और कांग्रेस में टिकट कट जाने और नहीं मिलने पर व्यापक स्तर पर असंतुष्ट दिग्गज नेताओं के रोने और पार्टी छोड़ने का सिलसिला देखने को मिला। इनमें से कई तो बेहद दिग्गज नेता रहे जिनकी राजनीतिक राजनीतिक महत्वाकांक्षा सिरे नहीं चढ़ पाने के चलते सार्वजनिक मंच पर उनका रोना लगातार चर्चा में है। भाजपा में अब तक कई बड़े चेहरे पार्टी छोड़ चुके हैं तो कांग्रेस में भी टिकट काटने या नहीं मिलने पर कई बड़े नेता नाराज नजर आ रहे हैं। हालांकि सभी पार्टियां चिंतन और मंथन में जुट गई हैं कि कैसे पार्टी छोड़कर जाने वाले नेताओं और टिकट नहीं मिलने या कटने पर असंतुष्ट से हुए डैमेज की भरपाई की जाए। फिलहाल तक की राजनीतिक परिदृश्य से साफ तौर पर नजर आया कि कांग्रेस और भाजपा दोनों के मिलाकर करीब 80 से 90 नेता बगावत करते नजर आए।

टिकट कटने पर रामबिलास शर्मा हुए भावुक

हरियाणा में भाजपा की सरकार लाने में अहम भूमिका लाने वाले सबसे पुराने पार्टी दिग्गज रामबिलास शर्मा का टिकट कटा तो वह बेहद भावुक और अश्रु धारा बहते नजर आए। रानिया से टिकट नहीं मिलने पर रणजीत चौटाला ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। विशंभर वाल्मीकि पूर्व मंत्री ने बीजेपी द्वारा टिकट काटे जाने रोष जताया और वो रोते नजर आए। बरोदा विधानसभा से टिकट नहीं मिलने पर पार्टी की कांग्रेस की दिग्गज नेता डॉ कपूर सिंह नरवाल ने पार्टी छोड़ दी। गन्नौर से टिकट नहीं मिलने पर भाजपा नेता देवेंद्र कादयान ने पार्टी छोड़ दी और वह रोते नजर आए कालका से टिकट करने पर भाजपा नेत्री लतिका शर्मा भी रोते हुए नजर आई। पूर्व मंत्री बच्चन सिंह आर्य ने टिकट नहीं मिलने पर भाजपा छोड़ दी और भविष्य में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया। चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन करने वाली पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी ने टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस छोड़ दी। इसी तरह से नलवा से टिकट नहीं मिलने पर संपत सिंह ने कांग्रेस छोड़ी दी।

कर्ण देव कांबोज ने सीएम से नहीं मिलाया हाथ

वहीं सोनीपत से टिकट कट जाने पर पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर कविता जैन और उनके पति राजीव जैन दोनों सार्वजनिक मंच पर रोते नजर आए। बहादुरगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस ने सिटिंग विधायक राजेंद्र जून को टिकट दे दिया और इसके चलते रिश्ते में उनके भतीजे लगने वाले राजेश जून ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। पृथला विधानसभा से टिकट नहीं मिलने के चलते भाजपा नेता दीपक डागर रोते नजर आए। रतिया से पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को भाजपा ने टिकट दी और सिटिंग विधायक को लक्ष्मण नापा को अबकी टिकट नहीं दी गई तो उन्होंने नाराज होकर कांग्रेस ज्वाइन कर ली। फरीदाबाद की तिगांव विधानसभा सीट से टिकट काटने पर कांग्रेस नेता ललित नगर बिलखते नजर आए। हरियाणा बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राज्य अध्यक्ष और पूर्व मंत्री ने कर्ण देव कंबोज इंद्री विधानसभा सीट के लिए टिकट न मिलने के कारण इस्तीफा दे दिया, वह इतने नाराज दिखे कि उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से हाथ तक नहीं मिलाया। दादरी किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष विकास ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया। सिरसा के कालांवाली से पूर्व विधायक बलकौर सिंह ने बीजेपी को अलविदा कह दिया। अमित जैन जोकि बीजेपी युवा राज्य कार्यकारिणी सदस्य और सोनीपत विधानसभा चुनाव के प्रभारी रहे, ने भी इस्तीफा दिया। शमशेर गिल जो उकलाना सीट से भाजपा की टिकट मांग रहे थे ने भी टिकट नहीं मिलने पर पार्टी छोड़ दी जबकि पार्टी ने जजपा छोड़कर आने वाले पूर्व मंत्री अनूप धानक को इस सीट के लिए चुना।

आदित्य चौटाला ने ज्वाइन की इनेलो

हरियाणा बीजेपी किसान मोर्चा के राज्य अध्यक्ष सुखविंदर मांढी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस ज्वाइन कर ली। नाराज हो कर हिसार से बीजेपी नेता दर्शन गिरी महाराज ने भी इस्तीफा दे दिया। वरिष्ठ बीजेपी नेता सीमा गैबीपुर ने सभी पार्टी पदों से इस्तीफा दे दिया। आदित्य चौटाला जो एचएसएएम बोर्ड के अध्यक्ष रहे लेकिन टिकट नहीं मिलने पर भाजपा छोड़ दी और इनेलो ज्वाइन कर ली। चौटाला ने 2014 में बीजेपी टिकट पर चुनाव लड़ा था। अंबाला कैंट से टिकट नहीं मिलने पर चित्र सरवारा ने कांग्रेस पार्टी छोड़ी और निर्दलीय नामांकन भरा वहीं दूसरी तरफ उनके पिता निर्मल सिंह को कांग्रेस ने अंबाला शहर से टिकट दी है। पानीपत में बीजेपी महिला विंग की जिला अध्यक्ष आशु बेरा टिकट कटने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इस्तीफा दे दिया।

सावित्री जिंदल ने आजाद प्रत्याशी के तौर पर भरा पर्चा

भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मांग सावित्री जिंदल ने टिकट नहीं मिलने पर स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की। तरुण जैन ने हिसार से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की इच्छा जताई। गुड़गांव से टिकट नहीं मिलने पर नवीन गोयल ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया। टिकट नहीं मिलने पर रेवाड़ी से डॉ सतीश खोला ने इस्तीफा दे दिया। बीजेपी जिला उपाध्यक्ष और पूर्व काउंसलर संजीव वैलेचा की पत्नी इंदु वैलेचा ने भी पार्टी छोड़ी, उनके पति ने भी बीजेपी छोड़ दी। पंडित जीएल शर्मा ने भाजपा का दामन छोडकर कांग्रेस का हाथ पकड़ लिया। प्रशांत सनी यादव जो लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे, उन्होंने रेवाड़ी से टिकट की मांग की थी, लेकिन टिकट न मिलने पर इस्तीफा दे दिया। स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की संभावना है।

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