Mahakumbh 2025 के दौरान गंगा में गिरने वाले नालों के पानी का होगा ट्रीटमेंट, संगम पर होगा निर्मल जल

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Mahakumbh 2025 के दौरान गंगा में गिरने वाले नालों के पानी का होगा ट्रीटमेंट, संगम पर होगा निर्मल जल
Mahakumbh 2025 के दौरान गंगा में गिरने वाले नालों के पानी का होगा ट्रीटमेंट, संगम पर होगा निर्मल जल

During Mahakumbh 2025 the water of drains falling into Ganga will be treated, there will be clean water at the confluence: महाकुंभ के मौके पर गंगा की धारा को स्वच्छ व निर्मल बनाए रखने के लिए प्रयागराज के सभी नालों के पानी का ट्रीटमेंट होगा।

प्रयागराज में 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक होने वाले महाकुम्भ के दौरान किसी भी नाले का पानी बिना ट्रीटमेंट के सीधे गंगा में नहीं जाने दिया जाएगा। संगम पर पानी को साफ रखने के लिए यूपी जल निगम, नगरीय ने प्रयागराज के सलोरी में जियो ट्यूब तकनीक आधारित ट्रीटमेंट प्लांट लगाया है.

जो शहर के सभी अनटैप्ड 22 नालों के अपशिष्ट जल का शोधन करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि गंगा नदी में कोई भी नाले का पानी बिना ट्रीट किए नहीं डाला जायेगा।

महाकुंभ 2025 के दौरान पानी का होगा ट्रीटमेंट

मुख्यमंत्री के निर्देशों के मुताबिक इस बार महाकुम्भ में किसी भी नाले या सीवेज से अनट्रीटेड अपशिष्ट जल का दूषित पानी पवित्र नदियों में नहीं गिराया जाएगा।

उनके निर्देशों के मुताबिक जल निगम, नगरीय ने प्रयागराज के सभी अनटैपड 22 नालों के ट्रीटमेंट के लिए जियो ट्यूब तकनीकी आधारित ट्रीटमेंट प्लान, सलोरी में लगाया है।

इसके बारे में बताते हुए अधिशासी अभियंता सौरभ कुमार ने बताया कि 55 करोड़ रुपये की लागत से बने इस ट्रीटमेंट प्लांट का अभी ट्रायल रन चल रहा है जो कि 01 जनवरी से अपनी पूरी क्षमता से कार्य करने लगेगा।

संगम पर होगा निर्मल जल

जल निगम, नगरीय के अधिशासी अभियंता सौरभ कुमार ने बताया कि जियो ट्यूब तकनीकि सीवेज वाटर ट्रीटमेंट की आधुनिक तकनीक है। इसमें सीवेज वाटर की 40 से 50 फीसदी बीओडी लेवल और लगभग 80 प्रतिशत टीएसएस जियो ट्यूब्स में ही ट्रीट कर लिया जाता है। इसके बाद इस ट्रीटेड पानी को हाइड्रोजन पैरॉक्साइड से शोधित कर उसका ओजोनाइजेशन किया जाता है।

उन्होंने बताया कि इस ट्रीटमेंट प्लांट में क्लोरीनाइजेशन की जगह ओजोनाइजेशन किया जाता है क्योंकि ट्रीटेड पानी में अधिक मात्रा में घुला क्लोरीन जलीय जीवों के लिए नुकसानदेह होता है। उनका कहना है कि ओजोनाइजेशन से सभी तरह के फीकल बैकटीरिया मर जाते हैं, फिर इस ट्रीटेड वॉटर को नदियों में छोड़ा जा सकता है। इसकी चौबीसों घंटे ओसीईएमएस तकनीकि से आनलाईन मॉनिटरिंग होती रहती है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी ने 12 दिसंबर के अपने प्रयागराज दौरे पर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया था और महाकुम्भ के दौरान किसी भी तरह की समस्या उत्पन्न न होने के निर्देश भी दिये थे।

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