नई दिल्ली। देश के आर्थिक हालात पर शनिवार को कांग्रेस की प्रियंका गांधी और बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया था। दोनों ने ही केंद्र सरकार की आर्थिक हालात पर चुप्पी को गंभीर बताया था। धीरे-धीरे आर्थिक सुस्ती का असर दिखने लगा है। आॅटो सेक्टर में इसकी मार दिख रही है। आॅटो सेक्टर में काम कर रहे 3000 कर्मचारियों की नौकरी चली गई। मारुति सुजुकी इंडिया के 3,000 से ज्यादा अस्थायी कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा वाहन उद्योग में नरमी को देखते हुए अस्थायी कर्मचारियों के अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किया गया है जबकि स्थायी कर्मचारियों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ा है।
भार्गव ने कुछ निजी टीवी चैनलों से बातचीत में कहा, “यह कारोबार का हिस्सा है , जब मांग बढ़ती है तो अनुबंध पर ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती की जाती है और जब मांग घटती है तो उनकी संख्या कम की जाती है।” उन्होंने कहा, “मारुति सुजुकी से जुड़े करीब 3,000 अस्थायी कर्मचारियों की नौकरी चली गई है।” भार्गव ने दोहराया कि वाहन क्षेत्र अर्थव्यवस्था में बिक्री, सेवा, बीमा, लाइसेंस, वित्तपोषण, चालक, पेट्रोल पंप, परिवहन से जुड़ी नौकरियां सृजित करता है। उन्होंने चेताया कि वाहन बिक्री में थोड़ी सी गिरावट से नौकरियों पर बड़े पैमाने पर असर पड़ेगा।