नियमित साइकिल चलाने से घटता है तनाव का खतरा

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आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, दूषित खानपान और बिजी दिनचर्या के चलते आजकल लोगों में तनाव और अवसाद की समस्या बहुत ही आम हो गई है। तनाव के चलते कई समस्याएं होती हैं। हाल ही में हुई एक रिसर्च में सामने आया है कि साइकिल चलाने से तनाव होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। साइकिल चलाने से सिर्फ तनाव ही कम नहीं होता बल्कि यह आपके वजन को भी नियंत्रित रखता है। रिसर्च में यह भी कहा गया है कि साइकिलिंग हमें मानसिक तौर पर स्वस्थ रखने के साथ ही कई रोगों से भी मुक्त करती है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि साइकिलिंग एक एरोबिक व्यायाम है, जिसके कई फायदे हैं। इससे दिल के रोगों का खतरा कम होता है। इस गतिविधि से सिरोटोनिन, डोपामाइन व फेनिलइथिलामीन जैसे रसायनों का दिमाग में उत्पादन बढ़ता है, जिससे हम दुख को भूल जाते हैं और हर वक्त खुशी महसूस करते हैं।

सर्दियों में बढ़ते घुटने और जोड़ों के दर्द को साइकिलिंग दूर करती हैं। मधुमेह के रोगियों को भी साइकिल चलाने से काफी आराम मिलता है। लेकिन डायबिटीज के रोगी ध्यान रखें कि साइकिल चलाने से पहले खूब पानी पी लें। टाइप-1 श्रेणी वाले मधुमेह रोगी यदि एक घंटे से ज्यादा साइकिल चलाते हैं तो उन्हें कुछ कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार साथ में रखना चाहिए।

डायबिटीज के रोगी यदि नियमित तौर पर लंबी दूरी साइकिल से तय करते हैं तो उन्हें व्यायाम के पहले व बाद में ब्लड सुगर की जांच करानी चाहिए। साइकिल चलाने से कई स्वास्थ्य संबंधी लाभ मिलते हैं। इससे पैरों की एक्सरसाइज होती है। जिसके चलते घुटनों के जोड़ों का दर्द दूर होता है। दौड़ने की तुलना में सााइकिल चलाने से आपके घुटनों पर बहुत कम दबाव पड़ता है।