पंकज सोनी, भिवानी :
मौसम तथा कीटों व बीमारियों का गहरा संबंध है। जैसे ही मौसम की परिस्थितियां अनुकूल बनती है, ये तेजी से पनपने लगते है। इसके विपरीत अगर मौसम अनुकूल न हो तो इनका फैलाव काफी धीमा हो जाता है। पिछले पखवाड़े में बारिश के कारण हवा में नमी काफी बढ़ गई थी, जिसके कारण अनेक खेतों में झुलसा रोग का प्रकोप शुरू हो गया था, परन्तु लगभग एक सप्ताह से हवा में नमी कम होने से ग्वार में इस बीमारी का फैलाव लगभग रूक सा गया है। अत: किसान मौसम की परिस्थितियों तथा फसल के निरीक्षण के आधार पर ही दवा स्प्रे करने का निर्णय ले, ताकि अनावश्यक खर्च से बचा जा सकें। उक्त विचार एचएयू हिसार से सेवानिवृत्त कीट विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा. आरके सैनी ने व्यक्त किएि। वे खंड लोहारू के गांव गिगनाऊ में फसल प्रशिक्षण शिविर व ग्वार फसल हैल्थ शिविर में किसानों को संबोधित कर रहे थे। शिविर का आयोजन कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा हिंदुस्तान गम एंड कैमिकल्स भिवानी ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर कृषि विकास अधिकारी डा. सुरेंद्र दलाल ने किसानों को नरमा कपास की अच्छी पैदावार लेने के लिए अनेक सुझाव दिए तथा किसानों से आग्रह किया बारानी क्षेत्र में सिंचाई के पानी का महत्व समझते हुए सूक्ष्म फव्वारा तथा टपका प्रणाली को अपनाएं, ताकि कम पानी में अधिक से अधिक क्षेत्र की सिंचाई की जा सकें। खंड कृषि अधिकारी डा. हरबंस कुमार ने कृषि योजनाओं का लाभ लेने के लिए मेरी फसल-मेरा ब्यौरा के अंतर्गत पंजीकरण करवाने पर बल दिया। उन्होंने किसानों से भूमि में जीवांश की मात्रा बढ़ाने के लिए जैविक खादों के अधिक से अधिक प्रयोग के लिए प्रेरित किया। कृषि विकास अधिकारी डा. दीपक कुमार ने किसानों को फसल चक्र व फसल विविधिकरण अपनाने की अपील की। शिविर में अन्य कृषि अधिकारियों के अलावा परमानंद, प्रमोद, राजीव, दयानंद, रमेश, संजय कुमार, दीपक, सुखविंद्र, संदीप कुमार, रामप्रसाद सहित लगभग 110 किसानों ने भाग लिया।
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