Delhi Breaking News : डीटीसी की वित्तीय हालत खस्ता

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Delhi Breaking News : डीटीसी की वित्तीय हालत खस्ता
Delhi Breaking News : डीटीसी की वित्तीय हालत खस्ता

विधानसभा में पेश कैग रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

Delhi Breaking News (आज समाज), नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में मंगलवार से कैग की रिपोर्ट प्रस्तुत की जा रही हैं। ज्ञात रहे कि आम आदमी पार्टी के शासनकाल में कैग की कुल 14 रिपोर्ट पेंडिंग थी। जिसे विधानसभा में पेश नहीं किया जा रहा था। अब भाजपा सरकार के सत्ता संभालते ही सबसे पहले कैग की रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा में पेश की जा रहीं हैं। जिससे लोगों के सामने दिल्ली की वित्तीय स्थिति की सही तस्वीर सामने आ रही है। मंगलवार को पेश की गई एक कैग रिपोर्ट में डीटीसी की वर्तमान वित्तीय स्थिति की रिपोर्ट पेश की गई है। जिसमें यह बताया गया है कि दिल्ली परिवहन निगम यानी डीटीसी की हालत खस्ता है।

60750 करोड़ रुपए से ज्यादा हुआ घाटा

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानी सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार, डीटीसी का घाटा 2015-16 के 25,300 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 में लगभग 60,750 करोड़ रुपये हो गया है। इस घाटे का मुख्य कारण पुरानी बसें, कम बसों की संख्या और किराया न बढ़ना है। रिपोर्ट में डीटीसी की योजनाओं की कमी और दिल्ली सरकार की अनदेखी को भी जिम्मेदार ठहराया गया है।

कैग रिपोर्ट में डीटीसी की कमियों को किया गया उजागर

सीएजी रिपोर्ट में डीटीसी की कई कमियों को उजागर किया गया है। सबसे बड़ी समस्या बसों की घटती संख्या है। 45 प्रतिशत बसें पुरानी हो चुकी हैं, जिससे वे बार-बार खराब होती हैं और सेवा प्रभावित होती है। डीटीसी अपनी बसों की संख्या बढ़ाने में भी नाकाम रहा है। सूत्रों के अनुसार, 2009 से डीटीसी के किराए में कोई बदलाव नहीं हुआ है। दिल्ली सरकार ने किराया बढ़ाने के कई अनुरोधों को अनसुना कर दिया है। महिलाओं को मुफ्त बस सेवा देने से भी डीटीसी पर आर्थिक बोझ बढ़ा है।

सीएजी ने यह भी बताया कि डीटीसी के पास कोई ठोस बिजनेस प्लान नहीं है। इससे घाटे को कम करने और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने का कोई रोडमैप नहीं है। टूटी-फूटी बसें दिल्ली की सड़कों पर आम दृश्य हैं। यह एक राजनीतिक मुद्दा भी बन गया है। बीजेपी और कांग्रेस, आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल के 2015 के 10,000 बसें बढ़ाने के वादे का बार-बार जिक्र करते हैं।

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