- रेवाड़ी से करनाल अनाज मंडी में पहुंची पदयात्रा
Aaj Samaj (आज समाज),DSC Society’s Demand, करनाल,23 जुलाई, इशिका ठाकुर : हरियाणा प्रदेश के दलित वंचित वर्ग ने अपनी मांगों को लेकर 9 जुलाई को रेवाड़ी से पदयात्रा शुरू की थी जो रविवार को करनाल के अंबेडकर चौक पर आकर संपन्न हुई। समाज द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन सपना था लेकिन मुख्यमंत्री के करनाल ना होने के चलते ज्ञापन अधिकारियों को सौंपना पड़ा।
किमती लाल ने बातचीत करते हुए कहा कि हमारी कुछ मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सौंपा जाना था लेकिन मुख्यमंत्री के करनाल से जाने के चलते अधिकारियों को सौंपना पड़ा उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति वंचित वर्ग को शिक्षा की तर्ज पर नौकरियों में आरक्षण दिया जाए वही अनुसूचित जाति वंचित वर्ग की सूचियों में से मेघवाल( चमार) व कबीरपंथी ( पंथ )को हटाने के लिए मांग की।
उन्होंने कहा कि हमारी मुख्य मांग है कि- हमारा वंचित वर्ग से संबन्धित वाल्मीकि, धानक, खटीक, बाजीगर, ओड, डूम, जुलाहा, सिकलीगर, पासी, सांसी आदि 36 जातियों का समूह है जो हरियाणा सरकार की उच्च शिक्षा में अलग से आरक्षण की मांग कर रहा है, उसमे कुछ संशोधन करते हुए लगभग उसी तर्ज पर हमे नौकरियों में भी अलग से आरक्षण दिया जाए। क्योकि संविधान के अनुसार दी जा रही आरक्षण की सुविधा पर सिर्फ एक ही दलित जाति अपना विशेषाधिकार मान चुकी है। जिसके विरोध में आज हमारा पढ़ा-लिखा बेरोजगार युवा एवं दलित वंचित वर्ग से संबंधित सभी समाज अपने इस हक के लिए हरियाणा भर में अपना जागरूकता अभियान छेड़ चुके हैं. उन्होंने कहा कि आधा अधुरा ये आरक्षण हमे सरकारी नौकरियों से दूर रखे हुए है।
उन्होंने कहा कि मैं मेघवाल चमार जाति का दूसरा नाम है वही कबीरपंथी नाम की कोई जाति नहीं है बल्कि एक पंथ है यह चमार जाति के लिए एक नाजायज बैक डोर है इसकी जांच करवाई जाए और दलित वंचित वर्ग की लिस्ट में से समाप्त किया जाए।
डीएसई समाज द्वारा दो मुख्य मांगे हैं। जिसमें पहली मांग है कि दलित वंचित वर्ग को उच्च शिक्षा की तर्ज पर ही सरकारी नौकरियों में वर्गीकरण लागू किया जाए तो वही दूसरी मांग 15 मई 2020 के गजट नोटिफिकेशन के अनुसार शिक्षा के क्षेत्र में लागू हुए वर्गीकरण में मेघवाल है। उन्होंने कहा कि अगर हमारी उपरोक्त मांगों को पूरा नहीं किया जाता तो हमारा वंचित वर्ग समाज संघर्ष का रास्ता अपनाने पर बाध्य होगा।
DSC समाज की ये है मुख्य मांगे-
1. दलित वंचित वर्ग को उच्च शिक्षा की तर्ज पर ही सरकारी नौकरियों में वर्गीकरण लागू किया जाए।
2. 15 मई 2020 के गजट नोटिफिकेशन के अनुसार शिक्षा के क्षेत्र में लागू हुए वर्गीकरण में मेघवाल
है।
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