Dry Eye Syndrome: ड्राई आई सिंड्रोम से कैसे करें खुद को प्रोटेक्ट

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Dry Eye Syndrome

Dry Eye Syndrome: पूरे देश भर में गर्मी के कारण लोग बहुत परेशान हैं। गर्मी के चलते वहीं लोगों को कई सारी गंभीर तरह की बीमारियां भी हो रही हैं। डॉक्टर्स का जहां कहना कि गर्मी में रहने से हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा शरीर के अलग अलग हिस्सों में भी हीटवेव का असर साफतौर पर देखने को मिल रहे हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स का तो ये भी कहना है कि गर्मी और लू से होने वाली समस्याओं से निजात पाने के लिए खुद की सेफ्टी रखना अत्यंत जरूरी है। दिन के समय बाहर तभी निकलें जब कोई काम हो। इसके अलावा फुल कपड़े ही पहनें और छाता, सनग्लास और पानी की बोतल को साथ में रखना गलती से भी न भूलें।

बढ़ती गर्मी में पड़ रहा आंखों में गहरा असर

जिस तरह से गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन और स्ट्रोक से बचना जरूरी है। उसी तरह आंखों की सेहत पर भी सावधानी बरतने की जरूरत होती है। स्किन को तो सनक्रीम लगा के प्रोटेक्ट करते हैं लेकिन आइस हेल्थ को भूल जाते हैं। ऐसे में जरा सी लापरवाही से इचिंग, लालिमा, जलन, खुजली जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। स्पेशली गर्मियों के मौसम में ही ड्राई आई सिंड्रोम के मामले अधिक देखने को मिलते हैं।

ड्राई आई सिंड्रोम का जोखिम

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो जरूरत से ज्यादा गर्मी और सर्दी दोनों ही सीजन आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है। इसके होने से आंखों में सूखेपन होने का खाते डबल हो जाता है। ड्राई आई ( Dry Eye) की प्रॉब्लम तब होती है जब आंखों को नम रहने के लिए पर्याप्त आंसू के उत्पादन को नहीं कर पाती है। इस स्थिति में आंखें असहज महसूस करती है और ये गंभीर हो जाए तो आई साइट वीक भी हो सकती है।

यदि समय रहते प्रॉपर इलाज और प्रिकॉशन न लिए जाएं तो धुंधला दिखाई देने लगता है और आंखों की रोशनी धीरे धीरे कम होती चली जाती है।

कैसे कर सकते हैं ड्राई आई की समस्या की पहचान

ड्राई आई होने की वजह से आइस में एक नहीं बल्कि कई तरह की गंभीर समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसके होने से आंखों में चुभन, खुजली, आंखों का लाल हो जाना जैसी कई सारी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। इन सबके अलावा हम कुछ और लक्षणों के बारे में भी डिटेल में बताएंगे:

आंखों में लगातार कुछ चुभते रहना

आंखों का लाल हो जाना
गाड़ी चलाने और दूर का दिखने में असहज महसूस करना
आंखों से लगातार आंसु बहते रहना, जलन होना और पानी आना।
आंखों में लगातार थकावट का बने रहना और सुबह उठते ही कुछ दिखाई न पड़ना।

रोजाना ढेर सारा पानी पिएं, एयर कंडीशनर के सीधे संपर्क में न रहें, ड्राई फ्रूट्स का सेवन रोजाना करें, विटामिन्स – मिनरल्स युक्त चीजों को डाइट में शामिल करें, स्क्रीन टाइम कम करें और बाहर जाते समय सन ग्लासेस को पहनना न भूलें।