Indian Agricultural Drone Market, (आज समाज), नई दिल्ली: भारतीय कृषि ड्रोन बाजार (Indian Agricultural Drone Market) के 2030 तक $631.4 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। अभी इसका मूल्य $145.4 मिलियन है। गरुड़ एयरोस्पेस के संस्थापक और सीईओ अग्निश्वर जयप्रकाश (Agnishwar Jayaprakash) के मुताबिक इस क्षेत्र में तैनात लगभग 7,000 ड्रोन के बेड़े के साथ 28 प्रतिशत सालाना वृद्धि सहित 2030 तक भारतीय कृषि ड्रोन बाजार का मूल्य $631.4 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है।
जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में वैश्विक स्तर पर चीन निर्मित ड्रोन पर निर्भरता दूर करने की कैपेसिटी है। बता दें कि वैश्विक कृषि ड्रोन बाजार (global agricultural drone market) में वर्तमान में भारत का हिस्सा 5.3 प्रतिशत है। प्रखर सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस के समूह सीईओ प्रदीप नामदेव का कहना है कि कृषि में ड्रोन का उपयोग बढ़ाने के मकसद किसानों को ड्रोन के बारे में शिक्षित किया जा रहा है।
पायलट परियोजना शुरू की गई
नामदेव ने बताया कि इसके लिए 1500 एकड़ से ज्यादा भूमि में स्थानीय सरकारी निकायों के साथ मिलकर एक पायलट परियोजना शुरू की गई है। बता दें कि प्रखर ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के साथ साझेदारी की है। फिक्की एवं अर्न्स्ट एंड यंग की रिपोर्ट के मुताबिक ड्रोन व इसके कलपुर्जे का उद्योग देश की विनिर्माण क्षमता को 2030 तक बढ़ाकर 23 अरब डॉलर पहुंचा सकता है।
प्रखर एकमात्र घरेलू ड्रोन निर्माता
प्रदीप नामदेव ने कहा है कि 2027 तक कंपनी ( प्रखर सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस) का लक्ष्य ड्रोन से रिलेटड क्षेत्रों में महिलाओं के लिए 5,000 रोजगार पैदा करना है। उन्होंने यह भी कहा कि देश में ड्रोन की काफी ज्यादा संभावना है। रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ कृषि व अन्य क्षेत्रों में भी इसकी काफी संभावनाएं हैं। बता दें कि प्रखर एकमात्र घरेलू ड्रोन निर्माता हैं। उनकी कंपनी ने स्वदेशी उड़ान नियंत्रक, एआई आधारित मॉडल व 3डी प्रिंटेड आदि कंपोनेंट विकसित किए हैं।
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