DRDO Conducts Trials, (आज समाज), नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने तेजस लड़ाकू विमान के लिए स्वदेशी ऑन-बोर्ड ऑक्सीजन जनरेटिंग सिस्टम (OBOGS)-आधारित इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम (ILSS) का सफल परीक्षण किया है। रक्षा मंत्रालय के बयान के मुताबिक यह सिस्टम उड़ान के दौरान पायलटों के जीवित रहने के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है। रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि आईएलएसएस का हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल)/एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के तेजस प्रोटोटाइप व्हीकल-3 विमान पर कठोर परीक्षण किया गया, जिसमें समुद्र तल से 50,000 फीट की ऊंचाई और हाई-जी युद्धाभ्यास सहित विभिन्न उड़ान स्थितियों में आवश्यक एरोमेडिकल मानकों को पूरा किया गया।

अत्याधुनिक प्रणाली है ओबीओजीएस-आईएलएसएस 

डीआरडीओ की रक्षा जैव-इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रो मेडिकल प्रयोगशाला द्वारा विकसित, ओबीओजीएस-आईएलएसएस  एक अत्याधुनिक प्रणाली है जिसे उड़ान के दौरान पायलटों के लिए सांस लेने योग्य ऑक्सीजन उत्पन्न करने और विनियमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी मदद से पारंपरिक सिलेंडर आधारित ऑक्सीजन पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी।

सभी मापदंडों को सफलतापूर्वक पूरा किया

रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि सैन्य उड़ान योग्यता और प्रमाणन केंद्र (सीईएमआईएलएसी) से उड़ान मंजूरी के बाद, प्रणाली ने सभी निर्दिष्ट मापदंडों को सफलतापूर्वक पूरा किया। प्रदर्शन मूल्यांकन में ऑक्सीजन सांद्रता, मांग श्वास, 100 प्रतिशत ऑक्सीजन की उपलब्धता, एंटी-जी वाल्व के पूर्ण कार्यात्मक परीक्षण के लिए आवश्यक ऊंचाई पर एरोबैटिक युद्धाभ्यास, टैक्सी, टेक ऑफ, क्रूज, जी-टर्न, रीजॉइन एप्रोच और लैंडिंग के दौरान श्वास ऑक्सीजन प्रणाली (बीओएस) के प्रदर्शन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया।

ILSS  में 90 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री

आईएलएसएस  में 90 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है। उचित संशोधनों के साथ, इस प्रणाली को मिग-29के और अन्य विमानों में उपयोग के लिए भी अनुकूलित किया जा सकता है। ओबीओजीएस से परे, आईएलएसएस 10 लाइन रिप्लेसेबल इकाइयों को एकीकृत करता है, जिसमें कम दबाव श्वास नियामक, बीओएस, आपातकालीन ऑक्सीजन प्रणाली, ऑक्सीजन सेंसर, एंटी-जी वाल्व और अन्य उन्नत घटक शामिल हैं। इससे वास्तविक समय में ऑक्सीजन उत्पादन सुनिश्चित होगा, जिससे पायलट की सहनशक्ति और परिचालन प्रभावशीलता बढ़ेगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी बधाई

इस प्रणाली का निर्माण लार्सन एंड टुब्रो द्वारा विकास-सह-उत्पादन भागीदार के रूप में किया गया है। इस परियोजना में एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर, एयरोनॉटिकल क्वालिटी एश्योरेंस महानिदेशालय और भारतीय वायु सेना सहयोगी भागीदार हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और डीआरडीओ के सचिव व अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने इस उपलब्धि पर डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और उद्योग भागीदारों को बधाई दी है।

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