नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका में अंडर 19 क्रिकेट विश्व कप के लिए भारतीय टीम का ऐलान कर दिया गया है। चार बार की चैंपियन भारतीय टीम की कप्तानी उत्तर प्रदेश के बल्लेबाज प्रियम गर्ग को सौंपी गई है। राहुल द्रविड़ के मार्गदर्शन में वलर््ड कप टीम के खिलाड़ियों को चुना गया है। कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो काफी कमजोर आर्थिक हालात से निकलकर टीम इंडिया तक पहुंचे हैं। विश्व कप के लिए खिलाड़ियों को चुने जाने से पहले भारतीय टीम ने कई टूर्नामेंट में हिस्सा लिया और इनमें अलग-अलग चेहरों को आजमाया गया है। राहुल द्रविड़ पहले ही साफ कर चुके हैं एक खिलाड़ी को एक ही बार अंडर 19 वलर््ड कप खेलने का मौका मिलेगा। ऐसे में वर्ल्ड कप के लिए चुनी गई भारतीय टीम काफी मजबूत है।
राहुल द्रविड़ के मार्गदर्शन में विश्व कप टीम के खिलाड़ियों को चुना गया है। कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो काफी कमजोर आर्थिक हालात से निकलकर टीम इंडिया तक पहुंचे हैं। कप्तान प्रियम गर्ग तो मेरठ के गरीब परिवार से हैं ही, अन्य कई खिलाड़ी भी काफी गरीब पृष्ठभूमि से टीम में जगह बनाने में सफल हुए हैं।
इंडिया अंडर 19 प्लेयर यशस्वी जायसवाल इस साल विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान मुंबई की ओर से खेलते हुए लिस्ट ए क्रिकेट में दोहरा शतक जड़ने वाले सबसे युवा बल्लेबाज बने थे। उन्होंने सत्र में तीन शतक और एक अर्धशतक से 112.80 की औसत से रन बनाए। उन्हें भी बचपन में काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा था। वे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के भदोही के रहने वाले हैं। उनका परिवार काफी गरीब था। उनके पिता छोटी सी दुकान चलाते हैं। सपनों को पूरा करने के लिए वे बड़े शहर मुंबई चले गए। यहां पर उन्हें एक डेयरी शॉप में काम मिला। तीन साल तक यशस्वी एक टेंट में रहे। इस दौरान उन्होंने पेट भरने के लिए गोलगप्पे बेचकर पैसे कमाए।
अथर्व अंकोलेकर महाराष्ट्र के रहने वाले हैं और बाएं हाथ के स्पिनर हैं। उनकी मां मुंबई में सरकारी बस में कंडक्टर हैं। उन्हीं की कमाई से घर का खर्चा चलता है। अथर्व के पिता विनोद का 9 साल पहले 2010 में निधन हो गया था। इसके बाद मां वैदेही ने ही उन्हें पाला-पोसा। शुरू में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर वह घर चलाती थीं। लेकिन बाद में पति विनोद की जगह वैदेही को बेस्ट बसों में नौकरी मिल गई। पिछले महीने जब अथर्व को भारतीय टीम में चुना गया था तब उनकी मां के पास करीब 40 हजार बधाई संदेश आए थे। 18 साल के अथर्व मुंबई के रिजवी कॉलेज में सैकेंड ईयर के छात्र हैं। 9 साल पहले एक प्रैक्टिस मैच में उन्होंने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को आउट कर दिया था।
ध्रुव जुरेल उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले विकेटकीपर हैं और उनके पिता नेम सिंह जुरेन 1999 में करगिल युद्ध में लड़ चुके हैं। पिता उन्हें फौजी ही बनाना चाहते थे लेकिन ध्रुव ने क्रिकेट को चुना। उन्होंने इसी साल इंग्लैंड दौरे पर त्रिकोणीय सीरीज में टीम इंडिया को जिताने में अहम रोल निभाया था। साथ ही अंडर 19 एशिया कप के लिए उन्हें कप्तानी दी गई थी।
आकाश सिंह राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले हैं। वे बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं और इसी साल श्रीलंका में हुए अंडर 19 एशिया कप में उन्होंने जबरदस्त गेंदबाजी की थी। उनके पिता खेती करते हैं और मां घर का कामकाज देखते हैं। आकाश अभी 11वीं कक्षा में पढ़ते हैं। उन्होंने पिछले महीने तमिलनाडु के खिलाफ सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के जरिए टी20 डेब्यू किया था। इस मैच में उन्होंने 2 विकेट लिए थे।