चंडीगढ़। निसा के राष्टÑीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा द्वारा केंद्र सरकार बनाई जा रही नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट पंजाबी सहित अन्य कई संविधानिक भाषाओं में प्रकाशित न किए जाने की आपत्ति जताते हुए माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर कोर्ट ने केंद्र को सभी भाषाओं में पॉलिसी प्रकाशित करने के आदेश दिए। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा सीडब्ल्यूपी नंबर 17296/2019 पर निसा द्वारा दी गई दलीलों के बाद यह फैसला दिया। माननीय हाईकोर्ट ने अन्य सभी संविधानिक भाषाओं में शिक्षा नीति का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए केंद्र को 6 महीने का समय दिया है। वहीं निसा को भी सभी भाषाओं में शिक्षा नीति का ड्राफ्ट प्रकाशित होने के बाद अपनी राय देने का अधिकार दिया है।
निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि सरकार ने नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट पंजाबी व अन्य कई संविधानिक भाषाओं में प्रकाशित नहीं किया। जिसके कारण पूरे देश के लोग अपनी राय नहीं दे पा रहे हैं। निसा ने माननीय हाईकोर्ट में तर्क दिया कि संविधान में 22 भाषाओं को मान्यता मिली हुई है, जबकि केंद्र सरकार बनाई जा रही नई शिक्षा पॉलिसी को केवल 12 भाषाओं में ही प्रकाशित किया गया है। जिसके कारण अन्य भाषाओं को जानने वाले लोग अपनी राय नहीं दे पा रहे हैं। माननीय हाईकोर्ट ने निसा की तरफ से दिए गए तर्क को सुनने के बाद केंद्र सरकार को आदेश दिए किया कि केंद्र नई शिक्षा पॉलिसी के ड्राफ्ट को सभी भाषाओं में प्रकाशित करें। कुलभूषण शर्मा ने कहा कि माननीय हाईकोर्ट के इन आदेशों के बाद निश्चिततौर पर पूरे देश के लोग अपनी राय दे पाएंगे और बेहतर शिक्षा पॉलिसी बनाई जा सकेगी।