यहीं से की थी पढ़ाई फिर बतौर प्रोफेसर किया ज्वाइन
Former PM Dr. Manmohan Singh (आज समाज), चंडीगढ़ : कभी भारत को आर्थिक संकट से उभारते हुए विकास की तरफ ले जाने वाले वित्त मंत्री के रूप में विश्व में प्रसिद्ध हुए भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गत रात्रि दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। वे 92 साल के थे। देश के इस काबिल नेता और प्रधानमंत्री का पंजाब से गहरा रिश्ता था। इससे भी ज्यादा गहरा रिश्ता था पंजाब विश्वविद्यालय से। यहीं से ही डॉ. मनमोहन सिंह ने अर्थशास्त्र की पढ़ाई की और वित्तीय मैनेजमेंट की बारीकियां सीखीं। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से ही पढ़ाई की थी और प्रोफेसर भी रहे। एक समारोह में उन्होंने पंजाब विश्विद्यालय को अपनी 3500 किताबें भी दान दी थी।
1954 में अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल की
मनमोहन सिंह ने पंजाब यूनिवर्सिटी से 1954 में अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल की थी। आगे की पढ़ाई करने के लिए मनमोहन सिंह विदेश चले गए। साल 1957 में उन्होंने ब्रिटेन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से प्रथम श्रेणी के साथ अर्थशास्त्र में स्नातक पूरी की। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1962 में आॅक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नूफील्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में पीएचडी की। इसके बाद मनमोहन सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल आॅफ इकोनॉमिक्स में अर्थशास्त्र पढ़ाया।
छात्र उन्हें शिक्षक के रूप में काफी पसंद करते थे। यहां तक की डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने करियर की शुरूआत 1957 में पंजाब यूनिवर्सिटी में प्रवक्ता के रूप में की। 1963 में वे वहीं प्रोफेसर बने। इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, भारत सरकार में वित्त मंत्री और अंतत: दो बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दीं।
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