- एक जनवरी तक सात दिन का राजकीय शोक घोषित
- आज केंद्रीय सरकारी कार्यालयों में आधे दिन की छुट्टी
Manmohan Singh funeral LIVE updates,(आज समाज), नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कांग्रेस मुख्यालय से अंतिम सफर शुरू हो गया है। अंतिम संस्कार के लिए उनका पार्थिव शरीर कश्मीरी गेट स्थित निगम बोध घाट ले जाया जा रहा है। अंतिम संस्कार 11:45 बजे दिल्ली के निगमबोध घाट पर किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मनमोहन सिंह का गुरुवार रात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 92 साल की उम्र में निधन हो गया था। आज सुबह पार्टी कार्यकर्ताओं के अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मुख्यालय में रखा गया था।
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फूलों से सजाया गया है वाहन
डॉक्टर मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर वाले वाहन को फूलों से सजाया गया है। कांग्रेस कार्यालय में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी समेत वरिष्ठ नेताओं ने पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि दी। केंद्र सरकार ने कहा है कि डॉक्टर सिंह का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। आज सभी केंद्रीय सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में आधे दिन की छुट्टी रखी गई है। एक जनवरी तक सात दिनों का राजकीय शोक भी घोषित है।
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स्मारक के लिए जगह आवंटित करेगी सरकार : अमित शाह
केंद्र ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करने के कांग्रेस के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। कांग्रेस चाहती थी कि डॉक्टर सिंह का अंतिम संस्कार ऐसी जगह हो, जहां उनके सम्मान में स्मारक बनाया जा सके। संयोग से, डॉक्टर सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने ही अलग स्मारक की मांग को रोका था। कैबिनेट बैठक के बाद देर रात जारी बयान में गृह मंत्री अमित शाह ने मल्लिकार्जुन खड़गे और दिवंगत डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार को बताया कि सरकार स्मारक के लिए जगह आवंटित करेगी।
एनडीए ने अनुरोध स्वीकार नहीं किया : कांग्रेस नेता
कई कांग्रेस नेताओं ने शुक्रवार देर शाम कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने उनके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया है और उन्हें यह समझा दिया गया है कि अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर होगा। कांग्रेस संचार प्रमुख जयराम रमेश ने कहा, हमारे देश के लोग यह समझने में असमर्थ हैं कि भारत सरकार उनके अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए ऐसा स्थान क्यों नहीं खोज पाई जो उनके वैश्विक कद, उत्कृष्ट उपलब्धियों के रिकॉर्ड और दशकों से राष्ट्र के लिए अनुकरणीय सेवा के अनुरूप हो।