Dr. M.K. Otani Visits Buddhist Stupa Chaneti
प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर :
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के बुद्धिस्ट तिब्बतियन संस्थान के विशेषज्ञ सलाहकार डॉ. एम.के. ओतानी ने बौद्ध स्तूप चनेटी का दौरा किया और यहां पर उन्होंने अपने कर कमलो से खादा (चादर) चढ़ाया। उन्होंने बौद्ध स्तूप के प्रागण मे शांति का संदेश व अन्य महत्वपूर्ण संदेश देने वाले झंडे बंधवाए व अगरबत्ती जलाकर पूजा अर्चना की। उन्होंने बौद्ध स्तूप की परिक्रमा भी की। इस अवसर पर चनेटी के पूर्व सरपंच अशोक कुमार चनेटी, गुरदयाल सिंह चनेटी सहित अनेकों ग्रामीण व अधिकारी उपस्थित थे।
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चनेटी गांव के पूर्व सरपंच अशोक कुमार ने भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के बुद्धिस्ट तिब्बतियन संस्थान के विशेषज्ञ सलाहकार डॉ. एम.के. ओतानी को जानकारी देते हुए बताया कि गांव चनेटी जगाधरी से पूर्व दिशा में स्थित है और अब यह गांव नगरनिगम यमुनानगर-जगाधरी में शामिल है। उन्होने बताया कि यहां पर लगभग 100 मीटर की परिधि में एक विशाल ईटों का टीला है जो आठ मीटर ऊचा है इसमेंं पीली और पक्की ईटे लगी हुई है।
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गोलाकार में बना यह स्तूप नीचे से चौड़ा है तथा जैसे-जैसे ऊपर की ओर जाता है इसकी चौड़ाई कम होती जाती है। चीनी यात्री हयूनसाँग द्वारा दिए गए वर्णन से यह आभास होता है कि यह स्तूप अशोक स्तूप का अवशेष है। पुरातत्व विभाग ने वर्ष 2007 मे इस बौद्ध स्तूप का जीर्णोद्धार करवाया है। उन्होंने बताया कि कर्निघम ने चीनी यात्री हयूनसाँग द्वारा पुरातन नगर श्रुघ्र का जो वर्णन किया गया है उसके आधार पर सुघ गांव के अवशेषो की पहचान श्रुघ्र नगर के रूप में की गई है।
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यह नगर बौद्ध धर्म का केन्द्र रहा है और यहां पर 600 बी.सी. से 300 बी.सी. के पुरातात्विक अवशेष तथा पॉंचवी ई. से छटी ई. कालिन के सुँग, कुषाण, गुप्त तथा मध्य कालिन मठ व स्तूप मिले है। उन्होंने बताया कि ऐसा कहा जाता है कि चीनी यात्री हयूनसाँग अपनी भारत यात्रा के दौरान यहां पर कई महीने रहे थे। उन्होंने बताया कि देश विदेश से लोग इस बौद्ध स्तूप को देखने आते है।
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