Aaj Samaj (आज समाज),Dr. M.K.K. Arya Model School,पानीपत : डॉ .एम.के.के. आर्य मॉडल स्कूल पानीपत में बुधवार को कक्षा यू.के.जी’ बी ‘के विद्यार्थियों ने ‘ अपनी कक्षा, स्कूल व अपने पर्यावरण को स्वच्छ रखने का उत्साह’ विषय पर विभिन्न क्रियाकलापों द्वारा अपनी -अपनी भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम के आयोजन में सीमा भाटिया और आस्था ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रार्थना की मधुर गूंज से किया गया। जिसने वातावरण को पवित्र बना दिया। मंच संचालन अध्यापिका आस्था द्वारा किया गया। इसके उपरांत साम्या, रिशांक, लीशा, नमित, निहारिका, खुशी, ने अपने भाषणों में बताया कि खुद को बीमार होने से बचाने का सबसे अच्छा तरीका है साफ-सुथरा रहना। आप अपने बच्चों को स्वच्छ और स्वस्थ रहने में कैसे मदद कर सकते हैं। जब हम पर्यावरण के बारे में सोचते हैं तो सबसे पहली बात जो दिमाग में आती है वह है मनुष्य द्वारा उत्पन्न प्रदूषण। वास्तव में, हमारे पर्यावरण की स्वतंत्रता, हमारी सहयोगी जिम्मेदारियां बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। बच्चों को यह भी सिखाया जाए कि कैसे वह स्वच्छता की आदत डालें समय पर नाखून व बाल काटते रहे।
विषय से संबंधित सामूहिक नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी गई
इसके उपरांत दविना, रियांश, अंश, भव्या, गौतम, भव्या शर्मा, तन्वी, पुष्टि, रक्षिता, अक्षिता, सुमया, निहारिका, अपराजिता पुष्टि, वैदेही, रक्षिता,पार्थ, सानवी, प्रेक्षा, लिशिका, शानवी ने अपनी कविताओं की प्रस्तुतियों के माध्यम से बताया कि आओ मिलकर कदम उठाए , स्वच्छता पर एक ध्यान लगाए, साफ सफाई का रखोगे ध्यान, तब बनेगा भारत महान। कोई जगह ना रह न पाए, हर जगह को हम चमकाएं, सपना यही बस अपना है स्वच्छता को अपनाना है, विख्यात होगा देश का नाम स्वच्छ रहे हर गांव शहर, जहां स्वच्छता होती है वहाँ देवता निवास करते हैं। कक्षा के विद्यार्थियों द्वारा विषय से संबंधित सामूहिक नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी गई। जो सभी को मंत्रमुग्ध करने वाली थी। विद्यालय के प्रधानाचार्य मधुप परासर, मीरा मारवाह एवं विद्यालय की शैक्षिक सलाहकार मंजू सेतिया ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए संदेश दिया कि एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए स्वच्छता बहुत जरूरी है। स्वच्छ माहौल में इंसान ताजगी और शांति महसूस करता है। विद्यार्थी जीवन में ज्यादातर समय विद्यालय में व्यतीत होता है ऐसे में विद्यालय का भी स्वच्छ होना बहुत जरूरी है क्योंकि विद्यालय भी तो मंदिर के समान ही है।