Himachal Weather Update (आज समाज), शिमला : प्रदेश में मानसून के सक्रिय होने से जहां बारिश हो रही है। वहीं हिमालयी क्षेत्र होने के कारण हर बार की तरह इस बार भी भूस्खलन की घटनाओं में भी लगातार इजाफा हो रहा है। राज्य के लगभग हर जिले से भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रहीं है। मानसून सीजन में जहां बीती रात खूब बादल बरसे वहीं शुक्रवार सुबह प्रदेश में भूस्खलन के कारण करीब 77 सड़कों पर आवाजाही बंद हो गई।
दूसरी तरफ 240 के करीब बिजली ट्रांसफर भी इससे प्रभावित हुए। जिसके कारण लोगों को खराब मौमस में बिजली न होने के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं इसके अतिरिक्त 19 जल आपूर्ति योजनाएं भी ठप चल रही हैं। उधर, मनाली-लेह सड़क पर जिंगजिंग बार से तकरीबन 7 किमी आगे गुरुवार देर रात करीब 12:00 बजे पहाड़ी से ग्लेशियर के लगातार पिघलने से सड़क अचानक बाढ़ से बंद हो गई। भूस्खलन की सबसे ज्यादा घटनाएं मंडी जिले में हो रहीं हैं।
इतने दिनों तक खराब रहेगा मौसम
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार दौरान मानसून की गतिविधि की तीव्रता और वितरण में वृद्धि होने की संभावना है। इस दौरान ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, चंबा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में एक या दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। 8 जुलाई से वर्षा की गतिविधि में कमी आने की संभावना है। इस अवधि के दौरान औसत न्यूनतम व अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है। आज भी प्रदेश के कई भागों में बहुत भारी बारिश का आॅरेंज अलर्ट जारी किया गया है। शिमला में भी मौसम खराब बना हुआ है। राज्य में 11 जुलाई तक मौसम खराब रहने के आसार हैं।
राज्य सरकार ने अलर्ट जारी किया
प्रदेश में खराब मौसम को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी जिलों के डीसी को अलर्ट मोड पर रखा है। ताकि आपात स्थिति में लोगों को निकाला जा सके और जनहानि की संभावनाएं कम से कम की जा सकें। वहीं सभी जिलों के डीसी ने भी जहां सभी विभागों के कर्मचारियों को सदैव तत्पर रहने के आदेश जारी किए हैं वहीं लोगों से भी अपील की है कि वे नदी, नालों और गहरे खड्डों से दूर रहें ताकि बाढ़ आने के चलते किसी तरह की जनहानि न हो। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने आने वाली 15 जुलाई से लेकर 15 सितंबर तक दो माह के लिए साहसिक खेल गतिविधियों पर पूरी तरह से विराम लगा दिया है।