Rohtak News: रोहतक पीजीआई में डॉक्टरों ने बंद की आपातकालीन सेवाएं

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रोहतक पीजीआई में डॉक्टरों ने बंद की आपातकालीन सेवाएं
रोहतक पीजीआई में डॉक्टरों ने बंद की आपातकालीन सेवाएं

इंटर्न डॉक्टरों ने गेट पर लगाया ताला
बोले- अपनी जान गंवाकर कैसे बचाएं मरीज
Rohtak News (आज समाज) रोहतक: रोहतक पीजीआई में पिछले 13 दिनों से जारी हड़ताल के दौरान शनिवार से रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन और इंटर्न डॉक्टरों ने आपातकालीन सेवाएं बंद करने का फैसला लिया। डॉक्टरों ने कहा कि वे अपनी जान गंवाकर कब तक मरीजों की जान बचा सकते हैं। शुक्रवार रात को भी कार सवार कुछ लोगों ने डॉक्टरों और सुरक्षा कर्मियों के साथ बदतमीजी की। नौबत झगड़े तक की हो गई थी, लेकिन मारपीट नहीं हुई। जबकि प्रशासन सुरक्षा के दावे कर रहा है। शुक्रवार रात को हुई वारदात के बाद सभी ने आपातकालीन सेवाएं बंद करने का फैसला लिया। जिसके बाद सीनियर डॉक्टरों के कंधे पर ही आपातकालीन सेवाओं का जिम्मा आ गया है। इधर, कोलकाता में हुए महिला डॉक्टर की रेप व हत्या मामले में हड़ताल करने के बाद ओपीडी सर्विस बंद कर दी थी। विरोध प्रदर्शन करते हुए रेजिडेंट व इंटर्न डॉक्टरों ने रोहतक पीजीआई के पीछे वाले गेट, जो श्रीनगर कॉलोनी व चिन्योट कॉलोनी की तरफ खुला है। उस पर ताला जड़ दिया। साथ ही कहा कि रोहतक पीजीआई का कैंपस सुरक्षित होना चाहिए।

रात को हुई बदसलूकी

हड़ताल में शामिल एमबीबीएस ट्रेनी डॉक्टर पंकज बिट्?टू, नेत्र रोग विभाग की चिकित्सक डॉ. सोनम, जूनियर रेजिडेंस डॉ. दिव्या और एमबीबीएस तृतीय वर्ष की छात्रा प्रिया कौशिक ने कहा कि शुक्रवार रात को उनकी प्रशासन के साथ बैठक थी। बैठक में सुरक्षा मुहैया करवाने, सीसीटीवी लगवाने सहित अन्य आश्वासन दिए थे। जब वे मीटिंग से बाहर आए तो दो गाड़ियों में कुछ बाहरी लोग पीजीआई कैंपस में आए। उन्होंने पीजीआई के सुरक्षा कर्मियों के साथ बदसलूकी की। वहीं एमबीबीएस विद्यार्थियों को भी धमकाने लगे। इसके बाद उन्होंने आपातकालीन सेवाएं बंद करने का फैसला लिया।

मांग पूरी नहीं होने तक बंद रखेंगे आपातकालीन सेवाएं

उन्होंने कहा कि उनकी मुख्य मांग सुरक्षा की है। अगर चिकित्सकों को सुरक्षा ही नहीं मिलेगी, तो वे कैसे मरीजों का उपचार कर सकते हैं। इसलिए उन्हें सुरक्षा दी जाए। साथ ही कहा कि यहां रोहतक पीजीआई प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब आला अधिकारियों को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए। ताकि सभी डॉक्टर हड़ताल छोड़कर काम पर लौटें और उन्हें सुरक्षित माहौल मिले। साथ ही कहा कि आपातकालीन सेवाएं मांग पूरी नहीं होने तक बंद रखेंगे। शुक्रवार को गाड़ी सवारों ने डॉक्टरों को धमकाते हुए कहा कि ये तो 40-50 हजार के डॉक्टर है। इनका क्या है। यह तो पब्लिक एरिया है। इसके बाद सभी रेजिडेंट डॉक्टर व इंटर्न निदेशक कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए। जिसके बाद आपातकालीन सेवाएं बंद करने का फैसला लिया। साथ ही कहा कि प्रशासन के आश्वासन के बाद भी यही हाल है तो किस पर भरोसा करें।