संजीव कौशिक, रोहतक:
स्पोर्ट्स मेडिसिन एंड स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर पीजीआईएमएस रोहतक के डॉक्टरों की टीम ने 19 वर्षीय कबड्डी खिलाड़ी को नवीनतम और उन्नत तकनीक से ऑपरेशन किया, जिसके घुटने में लगभग 6 महीने पहले खेलते समय चोट लगी थी। स्पोर्ट्स इंजरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ राजेश रोहिल्ला ने बताया कि रोगी को घुटने के मुड़ने मे दिक्कत के साथ लॉकिंग के लक्षण थे। मरीज की जब जांच की गई तो एमआरआई में घुटने के जोड़ मे कारटीलेज डिफेक्ट व लूज बाडी का खुलासा हुआ। लगभग 6 सप्ताह पहले लूज बाडी को निकाल दिया गया था और कारटीलेज का टुकड़ा लिया गया और इसे मुंबई की प्रयोगशाला में भेजा गया जहां कोड्रोसाइट को 12 मिलियन कोशिकाओं की 4 शीशियों में सुसंस्कृत किया गया। ऑटोलॉगस कोड्रोसाइट इम्प्लांटेशन 10-9-22 को मिनी चीरा तकनीक से घुटने के कार्टिलेज दोष में किया गया था। ऑपरेशन सफल रहा। उन्होंने बताया कि कार्टिलेज एक मजबूत, लचीला संयोजी ऊतक है जो जोड़ों और हड्डियों की रक्षा करता है। यह हड्डियों के सिरों पर शोक आब्जर्वर के रूप में कार्य करता है। जोड़ों में हड्डियों के अंत में कार्टिलेज घर्षण को कम करता है और उन्हें आपस में रगड़ने से रोकता है।
डॉ राजेश रोहिल्ला ने बताया कि ऑपरेशन में उनके साथ डॉ. प्रमोद और डॉ. सरिता पीजी, डॉ किरणप्रीत और डॉ मंगल प्रोफेसर एनेस्थीसिया डॉ प्रकृति बिश्नोई, सीनियर रेजिडेंट डॉ अमित शामिल थे। उन्होंने बताया कि इस प्रकार का ऑपरेशन भारत के मेट्रो शहरों में बड़े कॉरपोरेट अस्पतालों में किया जाता है। डॉ राजेश रोहिल्ला ने कहा कि इस सफल ऑपरेशन के लिए कुलपति डॉ अनीता सक्सेना व निदेशक डॉ एसएस लोहचब ने उन्हें व उनकी टीम को बधाई दी।
अब पीजीआईएमएस रोहतक में हो सकेंगे ये काम
डॉ राजेश रोहिल्ला ने बताया कि खेल चिकित्सा विभाग और खेल चोट केंद्र खिलाड़ियों को फिजियोथेरेपी, नॉनऑपरेटिव और ऑपरेटिव उपचार सहित व्यापक उपचार प्रदान करता है। विभाग खिलाड़ियों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।
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