भारत सरकार ने चिकित्सीय उद्देश्यों हेतु मानव अंगों तथा ऊतकों को निकालने, भंडारण तथा प्रत्यारोपण के विनियमन हेतु मानव अंग तथा ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 (वर्ष 2011 में यथा संशोधित) तथा इसके तहत मानव अंग तथा ऊतक प्रत्यारोपण विनियम, 2014 को अधिसूचित किया है। इसके अतिरिक्त हाल ही में देश में अंगदान तथा प्रत्यारोपण की सुविधाएं प्रदान कराने हेतु निम्न दिशानिर्देश/विनियम जारी किए गए हैं:-
राष्ट्रीय अंग तथा ऊतक प्रत्यारोपण कार्यक्रम की मुख्य बातें तथा इसके कार्यान्वयन हेतु दिशा-निर्देश।
वर्ष 2016 में दान करने वाले मृतक की गुर्दे, हृदय, लीवर, फेफड़े, हृदय-फुफड़े तथा कार्निया प्रत्यारोपण हेतु आबंटन मानदण्ड तैयार किया गया है।
मस्तिष्क स्टेम मृतक दानकर्त्ता तथा विभिन्न ऊतकों के पुन: प्रयोग के प्रबंधन हेतु मानक परिचालन प्रक्रियाओं का प्रारूप (एसओपी)/नवाचार तैयार किया गया।
यह सूचना राष्ट्रीय अंग तथा ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) की वेबसाइट www.notto.gov.in पर पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध है।
अन्य देशों के ऊतक प्रत्यारोपण के नियमों/दिशा-निर्देशों से संबंधित आंकड़े केन्द्र द्वारा संकलित नहीं किए जाते। तथापि, इस प्रकार की सूचना संबंधित वेबसाइटों पर उपलब्ध हो सकती है।
भारत में अंगो तथा ऊतकों की मांग इनकी उपलब्धतता से कहीं अधिक है। वर्ष 2016 के अनुसार, मृतक के अंगदान की दर प्रति मिलियन की आबादी पर लगभग 0.61 है। ग्लोबल आब्जर्वेटरी दान तथा प्रत्यारोपण रिपोर्टों के अनुसार वर्ष 2016 में स्पेन, अमेरिका, ब्रिटेन तथा आस्ट्रेलिया में अंगदान की निम्न दरें हैं:-
स्पेन- 43.8
संयुक्त राज्य अमेरिका- 30.76
ब्रिटेन- 21.5
आस्ट्रेलिया- 20.7
भारत सरकार ने मृतकों के अंगदान को प्रोत्साहन देने के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकार द्वारा देश में अंगदान को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय ऊतक प्रत्यारोपण कार्यक्रम (एनओटीपी) का कार्यान्वयन किया जा रहा है। अंगदान से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के लिए राष्ट्रीय अंग तथा ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) की वेबसाइट www.notto.nic.inपर जानकारी उपलब्ध है तथा 24×7 सहायता के लिए एक टोल फ्री नं. (1800114770) भी परिचालित है। डॉक्टरों तथा प्रत्यारोपण संयोजकों सहित प्रत्यारोपण गतिविधियों से जुड़े हुए सभी व्यक्तियों को प्रशिक्षण तथा अस्पतालों तथा आघात केन्द्रों में प्रत्यारोपण संयोजकों की भर्ती करने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी। देश में सूचना के प्रचार तथा जागरूकता को बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष भारतीय अंगदान दिवस, सम्मेलन, कार्यशाला, वाद-विवाद, खेल-कूद कार्यक्रम, वाकाथोन, आईसीयू के बाहर डिस्पले बोर्ड तथा प्रत्यारोपण/पुन: प्रयोग अस्पतालों में अन्य कार्यकलाप, नुक्कड़ नाटक आदि जैसी गतिविधियां की जाती हैं। दूरदर्शन तथा अन्य टेलीविजन चैनलों पर श्रव्य-दृश्य संदेश भी प्रसारित किए जाते हैं।