कीजिए ये 5 योगासन, दिल की बीमारियां होंगी छूमंतर

0
330

दिल शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। पिछले कुछ दशकों में बदलती लाइफस्टाइल, प्रदूषण, तनाव, अनहेल्दी डाइट और शारीरिक मेहनत से दूरी की वजह से लोगों को कम उम्र में ही हार्ट संबंधित गंभीर बीमारियां होने लगी हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक 1970 के मुकाबले आज के समय में, लोगों में दिल की बीमारियां 300 गुना से भी ज्यादा बढ़ गई हैं। ऐसे में अगर आपको बाहर जाने का समय नहीं मिलता तो रोज 5 से 10 मिनट घर पर ही निकालकर योग के माध्यम से अपने दिल और पूरे शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।

सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार सौ रोगों की एक काट है। 12 स्टेप्स का यह योगासन शरीर के सभी अंगों के लिए फायदेमंद है। अकेले सूर्य नमस्कार से ही आपको सभी योगासनों के लाभ मिल जाते हैं। इस योगासन को सुबह भोर में सूर्य के सामने करते हैं इसलिए इसे सूर्य नमस्कार कहते हैं। अगर आप नियमित सिर्फ सूर्यनमस्कार भी कर लेते हैं तो आपके शरीर के सभी अंग स्वस्थ रहेंगे।

त्रिकोणासन
इस आसन में शरीर का आकार त्रिकोण जैसा हो जाता है इसलिए इसे त्रिकोणासन कहते हैं। इसे करने के लिए दोनों पैरों को फैलाएं। अब दांए पैर को बाहर की तरफ स्ट्रेच करें और
बांए हाथ को ऊपर ले जाते हुए कमर को दाहिनी तरफ झुकाएं। इस पोजीशन में रहते हुए अपनी दाहिनी हाथेली को जमीन पर रखें, साथ-साथ बांए हाथ को ऊपर की तरफ स्ट्रेच करें. इसी प्रक्रिया को दोनों साइड 5 बार करें।

अंजलि मुद्रा
ये योगासन आपके रेस्पिरेट्री सिस्टम के लिए बहुत अच्छा और बेहद आसान है। इसके लिए दोनों हाथों को जोड़कर अपने सीने के बीच में रखें। अब आंखें बंद करके धीरे-धीरे सांस अंदर खींचें, थोड़ी देर रोक कर रखें और फिर धीरे-धीरे छोड़ दें। अंजलि मुद्रा से आपका दिल स्वस्थ रहेगा और दिन भर आपमें स्फूर्ति रहेगी। इसे आप एक मिनट से लेकर जितनी देर करना चाहें उतनी देर कर सकते हैं।

भुजंगासन
भुजंगासन से आपके हार्ट के अलावा रीढ़ की हड्डी, बांह और पेट के लिए भी फायदेमंद है। इसके लिए पेट के बल इस तरह लेट जाएं कि दोनों हाथ ठीक आपकी छाती के पास रहें। अब इसी पोजीशन में शरीर को ऊपर की ओर उठाएं और गहरी सांस लें। सांस पर ध्यान केंद्रित करते हुए जितना ऊपर उठ सकते हैं उठें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए पहले की पोजीशन में आ जाएं।

पश्चिमोत्तासन
इस योगासन से आपके पूरे शरीर में लचीलापन आता है और दिल की धड़कन पर नियंत्रण रहता है। इसे करने के लिए जमीन पर बैठकर दोनों पैरों को सामने की ओर फैलाएं और एक दूसरे से जोड़ लें। अब धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें और नाक को घुटनों से सटाएं और अपने हाथों से पैरों का तलवा छुएं। इस प्रक्रिया में घुटनों को मोड़ना नहीं है।