Do not start the fight for religions for politics – Deputy Chief Minister Dinesh Sharma: राजनीति के लिए धर्मों की लड़ाई न शुरू करें-उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा

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नई दिल्ली। आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी की राज्यपाल को प्रदेश में फैली अराजकता को लेकर मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। इसके बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने यूपी के सीएम पर जोरदार हमला किया और कहा कि यह भगवा केवल उनका नहीं है पूरे देश का है। उन्हें भगवा धारण करने के साथ उसकी आत्मा को धारण करना चाहिए। भगवा हिंदू धर्म का चिन्ह है और हिंदू धर्म कभी हिंसा, बदला आदि नहीं सिखाता है। इस पर पलटवार करते हुए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को नसीहत दी कि राजनीति के लिये धर्मों की लड़ाई न शुरू की जाए। यूपी के डिप्टी मुख्यमंत्री ने प्रियंका गांधी वाड्रा को प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से जवाब दिया और कहा कि यूपी सीएम ने धर्म को धारण किया है। हिन्दू धर्म किसी का अहित करना नहीं सिखाता। हिन्दू धर्म में किसी अन्य धर्म के अपमान की बात ही नहीं है। इतना विशाल हिन्दू धर्म है यह, उसको आप कह रहे हैं कि धारण करने वाला व्यक्ति ऐसा काम कर रहा है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आप अपनी राजनीति में आकर धर्मों की लड़ाई को प्रारम्भ कर रही हैं। कृपया ऐसा न करें। यह हिन्दू और मुसलमान का प्रश्न नहीं है। यह भारत के भविष्य और राष्ट्रीय एकता का सवाल है। उपमुख्यमंत्री ने एक सवाल पर कहा कि मुख्यमंत्री ने ‘बदले में’ शब्द का प्रयोग किया था मगर उनका मतलब हिंसा में तोड़ी गयी सरकारी सम्पत्ति के बदले में उसके दोषियों की सम्पत्ति बेचकर भरपाई करने से था। गौरतलब है कि प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए कहा था कि इतिहास में ऐसा पहला सीएम होगा जो बदले की बात करता है। उन्होंने कहा था कि भगवा धारण करने वाले कभी बदले की भावना नहीं रखते हैं। प्रेम करुणा की बात करते हैं। हिन्दू धर्म का चिन्ह भगवा में रंज, हिंसा और बदले की भावना की कोई जगह नहीं है। प्रियंका गांधी ने कहा मुख्यमंत्री ने बयान दिया कि वह बदला लेंगे। उनके उस बयान पर पुलिस प्रशासन कायम है। इस देश के इतिहास में शायद पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने ऐसा बयान दिया। उन्होंने आरोप लगाया कुछ दिनों से हम सब और पूरा प्रदेश देख रहा है कि प्रदेश सरकार, प्रशासन और पुलिस द्वारा कई जगह अराजकता फैलाई गई है । उन्होंने ऐसे कदम उठाये हैं जिनका कोई न्यायिक आधार नहीं है ।