नई दिल्ली। देश के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि दशकों से चले आ रहे विवाद का शांतिपूर्ण निर्णय हुआ। अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय आज सुनाया। कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने एकमत से निर्णय सुनाया कि विवादित भूमि हिंदू पक्षकारों को दी जाए और मुस्लिम पक्षकारों को पांच एकड़ जमीन मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में ही कहीं अन्य स्थान पर दी जाए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि फैसले का स्वागत करते हैं। साथ ही उन्होंने पूरे देश से भाईचारा बनाए रखने की अपील की। इस फैसले को जय और पराजय की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए। अयोध्या मामले पर फैसले के बाद मोहन भागवत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब हम सभी मिलकर राम मंदिर बनाएंगे। बता दें कि संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं। संविधान पीठ ने अपने 1045 पन्नों के फैसले में कहा कि मस्जिद का निर्माण ‘प्रमुख स्थल पर किया जाना चाहिए और उस स्थान पर मंदिर निर्माण के लिये तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट गठित किया जाना चाहिए जिसके प्रति हिन्दुओं की यह आस्था है कि भगवान राम का जन्म यहीं हुआ था। इस स्थान पर 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद थी जिसे कार सेवकों ने छह दिसंबर, 1992 को गिरा दिया था।