इन 5 संकेतों को भूलकर भी न करें नजरअंदाज

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-हो सकते हैं लीवर की बीमारी के शिकार

लीवर पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने और एक खास किस्म के प्रोटीन के उत्पादन में मदद करता है। लिवर के सही से काम न करने से शरीर में कई दिक्कतें आने लगती हैं। ये सूजन आदि का कारण बन सकता है। अनियमित दिनचर्या और गलत खानपान से लीवर की बीमारी हो सकती है। समस्या बढ़ने पर लिवर सिरोसिस का खतरा हो सकता है। लीवर की दिक्कत से शरीर में सूजन भी आ सकती है।

अनियमित दिनचर्या, गलत खानपान, शराब और सिगरेट अधिक सेवन आदि के चलते लीवर की बीमारी का खतरा रहता है। समस्या गंभीर होने पर लीवर सिरोसिस नामक बीमारी का खतरा होता है। इसके फाइब्रोसिस के रूप में जाना जाता है। ये विभिन्न प्रकार की लीवर से संबंधित समस्याओं जैसे-हेपेटाइटिस या जयादा शराब पीने के कारण होता है। ऐसी स्थिति में ऊतक यानी टिशूज घायल हो जाते हैं। इनमें सूजन आने लगती है। अगर आपकी बॉडी कुछ खास संकेत देती है तो इसे भूलकर भी नजरअंदाज न करें क्योंकि ये लीवर की बीमारी के कारण हो सकते हैं।

शरीर में नहीं बनता प्रोटीन

स्वस्थ लीवर विटामिन की मदद से एक प्रोटीन तैयार करता है जो रक्त के थक्के जमने के लिए आवश्यक होते है। इसके अलावा ये क्षतिग्रस्त रक्त कोशिकाओं को भी भरने में मदद करता है। मगर लीवर के डैमेज होने पर पर्याप्त प्रोटीन नहीं बनता है। ऐसे में चोट लगने में घाव जल्दी भर नहीं पाता है।

सूजन आने का खतरा

लीवर के खराब होने पर शरीर में एल्ब्यूमिन नामक प्रोटीन के उत्पादन में कमी आ जाती है। जिसके चलते पैरों और हाथों में सूजन आ जाती है। कम प्रोटीन होने से तरल पदार्थ रक्त वाहिकाओं में जमा होने लगते हैं।

तेजी से वजन कम होना

बिना डाइटिंग और व्यायाम के अचानक से वजन कम होने लगे तो यह भी लीवर की बीमारी का संकेत हो सकता है। यह अक्सर लीवर सिरोसिस का प्रारंभिक संकेत होता है, इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

पेट दर्द और भूख न लगना

लीवर की बीमारी में पेट में तरल पदार्थ जमा हो सकते हैं जिससे पेट में गड़बड़ी हो सकती है। इससे आपका पेट टाइट और सूजा हुआ दिख सकता है। लिवर की खराबी के कारण पेट की परत और अंगों के बीच की जगह में तरल पदार्थ भरने लगता है। इससे भूख न लगने की समस्या हो सकती है।

त्वचा का पीला पड़ना

अगर आपकी त्वचा और आंखें पीली पड़ जाए तो ये लीवर की बीमारी का संकेत हो सकते हैं।  पित्त वर्णक बिलीरुबिन के बढ़ जाने पर त्वचा यह रंग लेती है। इससे पीलिया हो जाता है। जब लिवर शरीर में पित्त की मात्रा को नियंत्रित करने में विफल रहता है तो ऐसी दिक्कतें आती हैं।