इशिका ठाकुर, Karnal News : कोई भी व्यक्ति रंजिश के चलते पुलिस को न दें झूठी शिकायत, झूठी शिकायत देने वाले को भी हो सकती है सजा। अब जिला करनाल के लोगों को पुलिस में झूठी शिकायतें देने से गुरेज करना होगा कहीं ऐसा न हो जाए की पुलिस में झूठी शिकायत देने वाले को ही पुलिस अपनी जांच के दायरे में लेकर शिकायत देने वाले व्यक्ति के खिलाफ भी कार्रवाई अंजाम लानी पड़े।
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करनाल जिला पुलिस प्रशासन ने जिले के विभिन्न थानों में अपनी रंजिश तथा अपने पक्ष को मजबूत दिखाने के उद्देश्य से पुलिस को दी जाने वाली शिकायतों की असलियत को खंगालना शुरू कर दिया है जिला पुलिस प्रशासन के सामने आया है कि लोग अक्सर झूठी शिकायत देकर पुलिस को गुमराह करते हुए पुलिस का बेवजह वक्त बर्बाद कर देते हैं जिससे पुलिस थानों में पुलिस का कामकाज लंबित पड़ा रहता है। पुलिस थानों में झूठी शिकायतें देने वालों के खिलाफ करनाल जिला पुलिस प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है और इसी के तहत जिले भर में 80 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 182 के तहत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मई के महीने में कोर्ट में कुल 80 लोगों के खिलाफ केस फाइल किये है और पुलिस द्वारा अब तक कुल 160 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 182 के तहत कोर्ट में केस फाइल किया जा चुका है।
हम आपको बता दें कि असल में आईपीसी की धारा 182 भारतीय कानून की एक ऐसी धारा है जिसके तहत जो व्यक्ति अपनी रंजिश निकालने, दूसरे व्यक्ति को हानि पहुंचाने अथवा अपने आप को सही ठहराने के उद्देश्य से पुलिस को अपनी शिकायत में झूठे तथ्यों को पुलिस के सामने रखता है और जिससे दूसरे व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा में आंच आती है और उसे मानसिक तथा शारीरिक रूप से नुकसान उठाना पड़ता है तो पुलिस को यह अधिकार है कि पुलिस के द्वारा ऐसे झूठी शिकायत देने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानून की धारा 182 के तहत कार्रवाई करते हुए कोर्ट में उसकी शिकायत दी जाए और कोर्ट में यदि संबंधित व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो कानून के अंतर्गत ऐसे व्यक्ति के लिए सजा का प्रावधान सुनिश्चित किया गया है।
करनाल पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया ने इस पर जानकारी देते हुए बताया कि अक्सर देखा गया है कि कुछ लोग अपनी रंजिश निकालने के लिए दूसरे व्यक्ति के खिलाफ झूठी शिकायत दे देते हैं जिससे पुलिस का वक्त और संसाधन बर्बाद होते हैं ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस आईपीसी की धारा182 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में भेज देती है और कोर्ट में दोषी पाए जाने व्यक्ति को 6 महीने की सजा या एक हजार का जुर्माना अथवा दोनों सजा एक साथ की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अक्सर देखा गया है कि कुछ लोग झूठी शिकायत देने के बाद पंचायती फैसला कर लेते हैं। ऐसे मामलों पर भी पुलिस की कड़ी नजर है ऐसे मामलों में भी यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी पुलिस द्वारा कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
करनाल जिला पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति पुलिस को ऐसी कोई भी झूठी शिकायत न दे जिससे पुलिस जांच अधिकारियों का समय तथा पुलिस के संसाधन बर्बाद न हो। करनाल पुलिस द्वारा झूठी शिकायत देने वालों के खिलाफ आने वाले समय में भी कार्रवाई अमल में लाई जाती रहेगी।
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