नयी दिल्ली। द्रमुक ने 2017 विश्वास प्रस्ताव के दौरान तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी के खिलाफ मतदान करने वाले अन्नाद्रमुक के 11 विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिये दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए मंगलवार को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह उपमुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम समेत 11 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की मांग करने वाली द्रमुक की याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करेगी। मद्रास उच्च न्यायालय ने 11 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिये द्रमुक की याचिका पिछले साल अप्रैल में खारिज कर दी थी। पनीरसेल्वम और अन्य 10 विधायकों ने 18 फरवरी, 2017 को विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान पलानीस्वामी के खिलाफ मत दिया था। उस समय वे बागी खेमे में थे।