इशिका ठाकुर,करनाल:
फैमिली आईडी में हुए बदलाव लोगों के लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं। एक तरफ सरकार ने फैमिली आईडी के आधार पर पात्र लोगों के भी राशन कार्ड काट दिए हैं तो वही दूसरी और बहुत से लोगों की पेंशन भी कट गई है। फैमिली आईडी में हुए बदलाव को ठीक कराने के लिए लोगों को अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं बात अगर अधिकारियों की करें तो अधिकारी इसे सही बता रहे हैं। फैमिली आईडी के चलते आई दिक्कतों की शिकायत लेकर करनाल जिला सचिवालय पहुंचे दिव्यांग लोगों ने बताया कि उनकी फैमिली आईडी में इनकम अचानक अधिक हो जाने के कारण उनकी पेंशन कट गई है जिसे ठीक कराने के लिए उन्हें अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
दिक्कतों का करना पड़ रहा सामना
अपनी शिकायत लेकर जिला सचिवालय पहुंचे दिव्यांग लोगों ने बताया कि फैमिली आईडी में उनके माता-पिता की आईडी को जोड़ दिया गया है जबकि इससे पहले उसके माता-पिता की फैमिली आईडी अलग से बनी हुई थी अब फैमिली आईडी एक हो जाने से उसकी परिवार की इनकम अधिक हो गई है। जिसके कारण उसकी पेंशन बंद हो गई है। जिसके कारण उसे अपने परिवार की गुजर-बसर करने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जिला सचिवालय पहुंचे एक अन्य दिव्यांग व्यक्ति ने कहा की उसकी फैमिली आईडी में उसके 10 साल के बच्चे की भी इनकम 5 से 10 हजार जोड़ दी गई है। इसके साथ ही उसकी पत्नी जो कोई भी नौकरी नहीं करती है उसकी भी इनकम फैमिली आईडी में दिखा दी गई है जिसके कारण उनकी फैमिली इनकम बढ़ जाने से उसकी तथा उसकी पत्नी की दिव्यांग के रूप में मिलने वाली पेंशन बंद हो गई है।
इन आधार पर लोगों को बीपीएल से बाहर रखा गया
इस विषय पर जब करनाल अतिरिक्त जिला उपायुक्त वैशाली शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि फैमिली आईडी में जो परिवर्तन आए हैं वह सर्वे के आधार पर अंकित हुए हैं उन्होंने कहा कि फैमिली आईडी में केवल उन परिवारों के माता-पिता को जोड़ा गया है जो एक ही घर में रहते हैं तथा उनका बिजली का बिल आदि एक ही है ऐसे परिवारों की अलग-अलग फैमिली आईडी नहीं हो सकती है। अतिरिक्त जिला उपायुक्त ने कहा कि फैमिली आईडी में अलग-अलग कैटेगरी बनाई गई हैं जिसके आधार पर यदि किसी का मकान 100 गज से अधिक शहर में है अथवा 225 गज गांव में है और जिनके बिजली के बिल सालाना नो हजार से अधिक हैं, ऐसे परिवारों को बीपीएल से बाहर रखा गया है। इसके साथ साथ उन लोगों को भी बीपीएल से बाहर रखा गया है जो लोग किसी भी सरकारी विभाग में नौकरी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति माता-पिता से अलग रह रहा है तो वेरिफिकेशन के लिए उन्हें कोई न कोई दस्तावेज देना होगा जिसके आधार पर उनकी फैमिली आईडी अलग से बनाई जा सके।
ये भी पढ़ें : एक्टिव केस फाइंडिग कैंपेन के तहत करेगी स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर टीबी मरीजों की पहचान
ये भी पढ़ें : नए साल के उपलक्ष में ओपन शैल्टर होम पटीकरा में कार्यक्रम आयोजित