फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर जिला प्रशासन ने लगाया सेमिनार

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District administration organized seminar regarding crop residue management
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इशिका ठाकुर,करनाल:

जुण्डला में आयोजित किसान गोष्ठी में उपायुक्त के आह्वान पर सैंकड़ों किसानो ने हाथ उठाकर फसल अवशेषों में आग न लगाने का लिया संकल्प।

किसानों को किया जागरूक

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उपायुक्त अनीश यादव ने खाद्यानों की रिकॉर्ड पैदावार कर देश के भंडार भरने वाले किसानों का आह्वान किया कि वे धरती माता का सम्मान करें, इसे अगली पीढ़ी की खातिर तंदरूस्त रखें, फसल अवशेषों में आग न लगाएं तथा प्रकृत्ति की अनमोल देन जल को बचाएं। उपायुक्त शुक्रवार को कस्बा जुण्डला के पास आशीर्वाद नाम के बैंक्वट हाल में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय किसान गोष्ठी में बोल रहे थे। गोष्ठी में मौजूद सैंकड़ों किसानों ने उपायुक्त के आह्वान पर हाथ उठाकर फसल अवशेषों में आग न लगाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में शामिल होने से पूर्व उन्होंने फसल अवशेष प्रबंधन के लिए ईजाद किए गए हैपी सीडर, सुपर सीडर जैसे कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

धान के फानों में आग लगाने की प्रथा को रोकना चाहिए

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करनाल डीसी अनीश यादव ने कहा प्रशासन द्वारा जुड़ला क्षेत्र में बड़ा सेमिनार आयोजित किया गया है। सेमिनार में किसान भाइयों को फसल अवशेष प्रबंधन किस प्रकार करें, इस बारे में जानकारी दी जा रही है, इसके अलावा कृषि विभाग द्वारा अनुदान पर जो कृषि उपकरण किसानों को दिए जा रहे है। उनके बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि धान के फानों में आग लगाने की प्रथा को बिल्कुल रोकना चाहिए, ये किसी भी सूरत में मानवीय हित में नहीं है। जिला को आदर्श के रूप में, इसके लिए प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि पिछले साल आग लगाने की घटनाओं में काफी कमी आई है। इसके लिए विभिन्न टीमें बनाकर गांव गांव में जाकर किसानों को जागरूक कर रहे है। टीमों में नबंरदार, पटवारी, पूर्व सरपंचों को साथ लेकर जागरूकता फैलाने में लगी हुई है। उन्होंने किसानों से अपील कि वे कृषि विभाग द्वारा उन उपायों पर काम करें, जो फसल अवशेष प्रबंधन में सहायक हो। सेमिनार में किसानों में को बारीकी से फसल अवश्ेाष प्रबंधन के बारे में जानकारी दी जा रही है।

किसान पूरी तरह से फसल अवशेष प्रबंधन करें

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सेमिनार में मुख्य अतिथि के तौर पर डीसी अनीश यादव ने शिरकत की जबकि उप कृषि निदेशक डॉ. आदित्य प्रताप डबास ने डीसी का स्वागत किया। मुख्य अतिथि ने बताया कि सेमिनार आयेाजित करने का मुख्य उदेश्य पराली जलाने की घटनाओं को शून्य स्तर पर लाना है, किसान फसल अवशेष प्रबंधन करें, जिससे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे साथ ही मानवीय जीवन फसल अवशेष जलाने से निकले जहरीले धंंए के कणों से मुक्ति मिले। जिससे वो बीमारियों से बच सकें। उन्होंने कहा कि किसान पूरी तरह से फसल अवशेष प्रबंधन करें, इसके लिए प्रशासन द्वारा कृषि विभाग के सहयोग से जुंडला में बड़ा सेमिनार लगाया है। जिसमें काफी संख्या में किसान पहुंचे है।

किसानों के लिए नए-नए उपकरण उपलब्ध

गुरमेज सिंह, किसान, गांव बांसा में रहने वाले किसान ने बताया सरकार लगातार सेमिनार कर रही है, जिससे किसानों को फायदा हो रहा है। क्योंकि किसान मजबूरी में पराली में आग लगा देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। क्योंकि सरकार किसानों को ऐसे कृषि उपकरण अनुदान पर उपलब्ध करवा रही है। जिससे पराली को आग लगाने की जरुरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पराली में आग लगाने से फसल मित्र कीट नष्ट हो जाते थे, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति पर असर पड़ता था। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे सरकार किसानों को नए-नए उपकरण उपलब्ध करवा रही है, वैसे ही किसान अपने हितों को देखते हुए पराली जलाने छोड़ रहे है।

कृषि विभाग द्वारा कृषि उपकरणों की जानकारी

जुंडला के रहने वाले गुरबख्श सिंह किसान ने बताया।जुंडला स्थित गार्डन में प्रशासन ओर कृषि विभाग द्वारा कृषि उपकरणों की जानकारी देने के लिए सेमिनार लगाया है। इसे देखने के लिए आए है। यहां पर आकर पता चला कि ऐसे भी उपकरण है, जिनसे फसल अवशेष प्रबंधन किया जा सकता है, जैसे सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, बेलर के बारे में जानकारी दी जा रही है। कृषि विभाग को चाहिए कि ऐसे सेमिनार आगे भी लगाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से प्रदूषण फैलता है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। किसानों को सरकार द्वारा अनुदान पर दिए जा रहे उपकरणों को लेकर फसल अवशेष प्रबंधन करना चाहिए। इस प्रकार के उपकरण जैसे-जैसे किसानों के पहुंचते जाएगे, पराली जलाने की घटनाएं अपने आप ही खत्म हो जाएगी।

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