संजीव कौशिक, रोहतक:
Disputes Between Administrators and Members of Society: वैश्य एजुकेशन सोसायटी कार्यालय मे प्रशासक द्वारा ताला लगाने पर विवाद हो गया वैश्य एजुकेशन सोसायटी के पूर्व प्रधान राजेन्द्र बंसल ने बताया की वह समाज के अन्य लोगो के साथ सोसायटी कार्यालय मे प्रेस वार्ता करना चाहते थे हम वहा गए तो सोसायटी कार्यालय पर ताला जड़ा था यह ताला डा. वीरेन्द्र सिंधू के आदेश से लगाय़ा गया है|
यह कार्यवाही बेहद दुर्भाग्यपूर्ण: राजेन्द्र बंसल Disputes Between Administrators and Members of Society
राजेन्द्र बंसल ने इस कार्यवाही को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया उन्होने प्रशासक डा. वीरेन्द्र सिंधू पर राजनीति करने का आरोप भी लगाया उन्होने क़हा की एक विशेष समुदाय के व्यक्ति सोसायटी कार्यालय पर काबिज हो गए है जो समाज हित मे नही है *इस विषय पर बात करते हुए प्रशासक डा. वीरेन्द्र सिंधू* ने राजेंद्र बंसल के आरोपो को सिरे से खारिज कर दिया उन्होने संस्था के कार्यालय को ताला लगाने की बात पर प्रशासक ने क़हा की आज की इस मीटिंग की उनके पास कोई अग्रिम सूचना नही थी समाज के लोगो को अगर कार्यालय चाहिए था तो मुझे बता देते मेरी नोलिज मे डाल देते तो कार्यालय दे दिया जाता डा. सिंधू ने क़हा उनके संज्ञान मे आया है की कुछ लोगो ने सोसायटी कार्यालय मे आकर तोड़फोड़ भी की है|
एक खास समुदाय को सोसायटी कार्यालय मे काबिज होने के आरोप पर उन्होने क़हा की सोसाइटी कार्यालय में ऑडियो रेकॉर्डिंग के साथ कैमरे लगे हुए है कोई भी सदस्य देख सकता है कौन लोग वहाँ पर आते और जाते हैं। इस तरह की बात करना गलत है। सिंधू ने क़हा की किसी को मुझ से य़ा मेरे किसी कार्य से कोई गलती या अवैधानिकता नजर आती है तो वह माननीय कोर्ट मे जा सकता है य़ा ऊँच अधिकारियों को शिकायत कर सकता है, ऐसे तोड़फोड़ करना गलत है।