नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा के लिए बीजेपी-शिवसेना गठबंधन पर सबकी निगाहें काबिज हैं। महाराष्टÑ विधान सभा चुनावों की तारीख तक घोषित की जा चुकी है। अब विधान सभा चुनावों में एक महीने से भी कम समय रह गया है लेकिन अब तक महाराष्ट्र की दो बड़ी पार्टियां शिवसेना और भाजपा ने अपने गठबंधन में सीटों के बटवारे की बातचीत पूरी नहीं की है। अब तक इन दोनों पार्टियों ने अपनी सीटों का एलान नहीं किया है। जिसकी वजह से कई कयास लगाए जा रहे हैं। अब इस पर महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि गठबंधन पर चर्चा अंतिम चरण में है। जो लोग सोच रहे हैं कि गठबंधन नहीं होगा वे निराश होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि आगामी विधानसभा चुनावों में हमें 220 सीटों पर जीत हासिल होगी। मुंबई स्थित भाजपा के एक सूत्र ने कहा कि जहां शिवसेना, भाजपा के साथ बराबर सीट बांटना चाहती है और बची हुई सीटें गठबंधन की छोटी साझेदार पार्टियों में बांटना चाहती है, वहीं भाजपा ज्यादा सीटें चाहती है। दोनों दल अभी तक सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला नहीं ले पाए हैं, लेकिन मोटे तौर पर आम सहमति के फामूर्ले पर पहुंच गए हैं, जिससे वे इस सप्ताहांत तक सीट बंटवारे पर समझौता कर सकेंगे। सूत्रों ने कहा कि शिवसेना ने अपने लिए कम से कम 130 सीटें मांगी है, वहीं आरपीआई के प्रमुख रामदास आठाव्ले सिर्फ 10 सीटें चाहते हैं। यह सर्वविदित है कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और शिवसेना में गठबंधन सिर्फ इसलिए देरी से हुआ था, क्योंकि शिवसेना महाराष्ट्र चुनाव में अस्थाई सीट बंटवारे के लिए भाजपा से आश्वासन चाहती थी। बता दें कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के पास 122 सीटें हैं, वहीं शिवसेना के पास 63 सीटें हैं। भाजपा की महाराष्ट्र इकाई दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे के ऐसे सूत्र पर समझौता चाहती है, जिसपर भाजपा के पास 122 सीटें बनी रहें और शिवसेना पर उसके हिस्से की 63 सीटें रहें। और शेष सीटों में से कुछ सीटें रिपब्लिकन पार्टी आॅफ इंडिया (आरपीआई) जैसे गठबंधन के छोटे दलों को देने के बाद आपस में बराबर बांट ली जाएं।