अमरिंदर सिंह राजा वंड़िग की अगुवाई में लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने किया था बेहतर प्रदर्शन
Punjab Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़। कांग्रेस पार्टी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेश बघेल को पंजाब कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त किया गया है। शकीद अहमद, हरीश रावत के बाद भूपेश बघेल ऐसे तीसरे नेता हैं जो काफी वरिष्ठ हैं। इस नियुक्ति के साथ ही पंजाब की राजनीति के गलियारे में पंजाब प्रधान को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही है कि प्रदेश कांग्रेस के प्रधान पद को भी बदला जा सकता है।
अभी इसको लेकर पार्टी हाईकमान या पंजाब प्रदेश कांग्रेंस की ओर से कोई आधिकारिक ब्यान सामने नहीं आया है। लेकिन अबपंजाब प्रभारी की नियुक्ति के बाद पंजाब प्रधान भी बदला जा सकता है। कांग्रेस के लिए 2027 की लड़ाई सामने है और वह हर हालत में इसे जीतना चाहती है। लेकिन इसके लिए किस प्रकार के जातीय समीकरण बनाकर आगे बढ़ा जाएगा यह तय करना बहुत जरूरी है।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने किया शानदार प्रदर्शन
कांग्रेस के मौजूदा प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग युवा प्रधान हैं और उननी अगुवाई में पार्टी ने न केवल लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया बल्कि वह खुद भी अपने विधायक पद को त्यागकर लुधियाना जिले में जाकर लोकसभा का चुनाव लड़े और भाजपा के रवनीत बिट्टू जैसे चेहरे का मात दी। हालांकि बाद में हुए विधानसभा के उपचुनाव में वह अपनी पत्नी की सीट भी जितवा नहीं पाए। नगर निगम के चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा।
किसी दिग्गज वंचित वर्ग के नेता को आगे बढ़ाया जाए
कांग्रेस अब इस असमंजस में है कि वह हिंदू कार्ड खेले या जट सिख कार्ड या फिर इन सभी से हटकर किसी दिग्गज वंचित वर्ग के नेता को आगे बढ़ाया जाए। ऐसे में पार्टी के सामने पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी एक बड़ा चेहरा हैं जिसे सांसद बनाकर कांग्रेस राष्ट्रीय राजनीति में ले गई।उन्हें पार्टी में महासचिव बनाकर किसी बड़े प्रदेश की जिम्मेदारी देने की भी योजना थी लेकिन चन्नी ने प्रदेश की राजनीति में रहने को प्राथमिकता दी है। वह प्रदेश का अध्यक्ष बनने के लिए पूरी लाबिंग कर रहे हैं।
बाजवा भी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल
दूसरा विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा भी प्रदेश का अध्यक्ष बनना चाहते हैं और चुनाव से पूर्व जिला व ब्लाक स्तर पर अपनी टीम खड़ी करके टिकटों को बांटने पर अपना पूरा नियंत्रण रखना चाहते हैं। पूर्व कांग्रेस प्रधान संतोख सिंह रंधावा के बेटे और दिग्गज नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा भी इस दौड़ में शामिल हैं। परगट सिंह भी सामने आ सकते हैं। अगर पार्टी हिंदू कार्ड खेलती है तो पार्टी के पास पूर्व मंत्री भारत भूषण आशू और पूर्व मंत्री विजय इंद्र सिंगला का विकल्प मौजूद है।
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