नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
एक और जहां बच्ची के पैदा होने के डर से माता-पिता उसे गर्भ में ही मरवा देते है। इसके विपरित कुछ दंपति ऐसे भी हैं जो बेटी और बेटे में कोई भेदभाव नहीं समझते।वे बेटे की तरह ही बेटी के जन्म पर वो सभी रस्में निभाते हैं जो बेटे के जन्म पर निभाई जाती हैं ।
नवजात कन्या के पिता ने समाज को बेटा बेटी एक समान का दिया संदेश
ऐसा ही महेंद्रगढ़ निवासी समाजसेवी दीपेंद्र ने बेटी के जन्म पर कार्यक्रम का आयोजन कर समाज के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है।दीपेंद्र की पत्नी ज्योति ने बीती एक फरवरी को नवजात शिशु कन्या को जन्म दिया। यह उनकी पहली संतान है। उनके परिजनों दादा बनवारीलाल-दादी पुष्पा देवी, ताऊ मिंटू-ताई मीनाक्षी, फूफा मंजीत और भूआ विशाखा ने घर में कन्या के जन्म पर खुशी जाहिर करते हुए कुआं पूजन करने का निर्णय लिया। ननिहाल पक्ष से रविकांत, राजकुमार व उनके परिजनों द्वारा छुछक लाया गया। गुरुवार को नवजात कन्या का पूरी रस्मों रिवाज के साथ कुआं पूजन कर प्रीतिभोज का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर मिशन महेंद्रगढ़ अपना जल टीम के सदस्य अनूप रिवासा, मनोज मेघनवास, मुकेश चौहान, मनोज देवास, अनेय सीगड़ा, संदीप भांडौर, मनु, प्रदीप, मास्टर सुनील आदि द्वारा उन्हें एक पौधा भेंट कर नवजात कन्या के पिता को सम्मानित किया गया।
मिशन महेंद्रगढ़ अपना जल टीम के सदस्य अनूप रिवासा व मुकेश चौहान ने कहा कि दीपेंद्र यादव व ज्योति ने बेटी के जन्म पर कुआं पूजन कर समाज में बिगड़ रहे लिंगानुपात को सुधारने में योगदान दिया है। उन्होंने समाज के लोगों को भी बेटे और बेटी में भेदभाव नहीं करने तथा बेटी को भी बेटे के समान समझने कि अपील की। इस अवसर पर प्रयास श्री बालाजी संस्था प्रमुख मनोज मेघनवास, प्रमुख समाज सेवी संजय, डॉ. के.के. यादव, राजबिरेंदर साहब, प्राचार्य मीरसिंह, मास्टर प्यारे लाल, करतार सिंह इंस्टेक्टर डॉ. अवनेश, डॉ. मुकेश सहित अनेकों गणमान्य लोग उपस्थित रहे ।
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