लंदन। पहले लोग किसी जानकारी के लिए डिक्शनरी या किताबों की मदद लेते थे। लेकिन अब वे सर्च इंजन गूगल के आने के बाद पूरी तरह उसी पर आश्रित हो गए हैं। देश-विदेश, फिल्म, साहित्य या विज्ञान से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए दिमाग पर जोर डालने के बजाय लोग अब गूगल की शरण लेते हैं, लेकिन शोधकर्ताओं ने आगाह किया है कि गूगल का ज्यादा इस्तेमाल हमारी स्मरण शक्ति को कमजोर कर डिमेंशिया का मरीज बना सकता है।
ब्रिटेन की सेंट एंड्रयूज यूनिवर्सिटी के फ्रैंक गन मूर कहते हैं, मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है कि उसका अधिक से अधिक इस्तेमाल हो। लेकिन गूगल का प्रयोग कर हम अपना नुकसान कर रहे हैं।
बढ़ती उम्र के साथ इंसान की याददाश्त कमजोर होने लगती है। इसके पीछे आसपास का वातावरण, चिंता या अन्य आनुवांशिक कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। लेकिन शोधकर्ताओं के अनुसार इन कारणों की सूची में जल्द ही गूगल भी जुड़ सकता है।
याददाश्त कमजोर होने के पीछे आसपास का वातावरण, चिंता या अन्य आनुवांशिक कारण भी जिम्मेदार हो सकता है, लेकिन शोधकर्ताओं के अनुसार इन कारणों की सूची में जल्द ही गूगल भी जुड़ सकता है। वर्ष 2015 में दुनियाभर में डिमेंशिया के मरीजों की संख्या 4.5 करोड़ थी।
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