Disciplinary action Should be taken to Jairam Ramesh and Tharoor for praising PM Modi-Veerappa Moily: पीएम मोदी की तारीफ करने पर जयराम रमेश और थरूर दोनों पर अनुशाशनात्मक कार्रवाई करने की मांग-वीरप्पा मोइली

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर कांग्रेस के दो बड़े नेता फंस गए हैं। जयराम रमेश और शशि थरूर दोनों ही पीएम मोदी को लेकर सकारात्मक टिप्पणी करने के कारण अपनी ही पार्टी में घिर गए हैं। पर पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश द्वारा पिछले दिनों की गई एक टिप्पणी पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने बुधवार को आरोप लगाया कि यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में नीतिगत पंगुता के लिए रमेश जिम्मेदार थे। उन्होंने पीएम मोदी के कार्य की सराहना भी करनी चाहिए वाले बयान पर मोइली ने शशि थरूर को भी लपेटे में लिया। गौरतलब है कि रमेश ने गत बुधवार एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी के शासन का मॉडल पूरी तरह नकारात्मक गाथा नहीं है और उनके काम के महत्व को स्वीकार नहीं करके और हर समय उन्हें खलनायक की तरह पेश करके कुछ हासिल नहीं होने वाला है। वहीं शशि थरूर ने भी कहा था कि पीएम मोदी के अच्छे कार्यों की सराहना करने से विपक्ष की आलोचना मजबूत होगी। रमेश और थरूर के बयानों को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मोइली ने कांग्रेस नेतृत्व से दोनों नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अनुरोध किया। मोइली ने रमेश के बयान को लेकर सवाल किया कि क्या कांग्रेस मोदी को खलनायक की तरह पेश कर रही है?
उन्होंने रमेश के बयान को बहुत बुरा बताते हुए कहा कि इस तरह के बयान दे कर वह भाजपा के साथ समझौता कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि मोदी को हमेशा खलनायक की तरह पेश नहीं करना चाहिए, तब पार्टी के दो अन्य वरिष्ठ नेताओं अभिषेक मनु सिंघवी और शशि थरूर ने उनका समर्थन किया था। मोइली ने कहा, और अगर कोई भी नेता इस तरह का बयान देता है तो मैं मानता हूं कि वह कांग्रेस या इसके नेतृत्व के लिए काम नहीं कर रहा है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि मंत्री होने के नाते वे अधिकारों का उपयोग करते हैं और विपक्ष में आकर वह सत्ताधारी दल के साथ एक संपर्क बनाए रखेंगे। मोइली ने पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में आरोप लगाया कि वह (रमेश) यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में नीतिगत पंगुता के लिए जिम्मेदार हैं और वह कई बार प्रशासन के सिद्धांतों के साथ समझौता करने के लिए भी जिम्मेदार हैं।