द्वारका के एक बड़े निजी स्कूल को भेजा नोटिस

Delhi News (आज समाज), नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में निजी स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी के नेता प्रदेश की मौजूदा सरकार पर लगातार आरोप लगा रहे हैं तो वहीं दिल्ली के शिक्षा मंत्री लगातार अपनी सरकार का बचाव करते हुए आरोपी स्कूलों पर सख्त कार्रवाई करने संबंधी बयान लगातार दे रहे हैं।

इसी बीच शिक्षा निदेशालय ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए द्वारका के एक प्रमुख निजी स्कूल को नोटिस जारी किया है। दरअसल उक्त स्कूल पर आरोप लगाए थे कि वहां के प्रबंधन ने बच्चों को कक्षा की जगह लाइब्रेरी में बैठने पर मजबूर किया। जिसके बाद कमेटी की जांच में आरोप सही पाए गए। जिलाधिकारी की निरीक्षण कमेटी की रिपोर्ट में कक्षा की जगह लाइब्रेरी में छात्रों को बिठाने का खुलासा होने पर निदेशालय ने स्कूल को नोटिस भेजा है।

शिक्षा अधिनियम 1973 का उल्लंघन

नोटिस के अनुसार छात्रों को प्रताड़ित न करने के निर्देश के बावजूद स्कूल ने कक्षा में छात्रों को बैठने की अनुमति नहीं दी। निदेशालय ने स्कूल से जवाब मांगा है कि क्यों दिल्ली विद्यालय शिक्षा अधिनियम 1973 के नियम 56 के तहत कार्रवाई न की जाएं। इसमें स्कूल की मान्यता निलंबित करने और वापस लेने का प्रावधान है। स्कूल को सात दिन के अंदर नोटिस का जवाब देने के निर्देश है।

स्कूल पर यह आरोप लगे

टीम को निरीक्षण के समय छात्र लाइब्रेरी में बैठे मिले थे। छात्रों ने टीम को बताया कि उन्हें 20 मार्च से लाइब्रेरी में बिठाया जा रहा है। कैंटीन में भी जाने की अनुमति नहीं है और सहपाठियों से मिलने पर भी रोक लगा है। लाइब्रेरी में बिठाने के आरोप पर प्रधानाचार्य ने किसी प्रकार का लिखित बयान देने से इन्कार कर दिया। लाइब्रेरियन से भी जवाब मांगा गया है। समिति ने छात्रों को कक्षा में नियमित अनुमति देने की सिफारिश की है। जिला और क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक स्कूल का नियमित दौरा करेंगे।

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