संजीव कौशिक, रोहतक:
Director Dr.S.S.Lohchab: किसी भी संस्थान की उन्नित के लिए वहां पर मरीजों के हित में अधिक से अधिक नई रिसर्च होना जरूरी है, क्योंकि नित नई बिमारियां आ रही हैं, ऐसे में यदि हम रिसर्च नहीं करेंगे तो हम कैसे नवीनतम तकनीक से इलाज उपलब्ध करवा पाएंगे। यह कहना है पीजीआईएमएस निदेशक डॉ.एस.एस.लोहचब का। वें शुक्रवार को लैक्चर थियेटर पांच में चल रही मल्टी डिसिप्लिनरी रिसर्च यूनिट (एमआरयूू) की दो दिवसीय कांफ्रेंस के समापन समारोह में मुख्यअतिथि के तौर पर उपस्थित हुए थे।
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डीन डॉ. कुलदीप सिंह लालर ने डॉ. सिम्मी खरब व डॉ. गजेंद्र सिंह की टीम को बधाई दी (Director Dr.S.S.Lohchab)
इस अवसर पर उपस्थित चिकित्सकों को संबोधित करते हुए डॉ.एस.एस. लोहचब ने कहा कि हमें पता होना चाहिए कि रिसर्च की शुरूआत कैसे की जाती है। हमें रिसर्च के हर कदम को फोलो करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें लिखने में भी निपुण होना चाहिए। डॉ. लोहचब ने कहा कि हमें बिना बॉयोस्टैटिक्स के अपनी रिसर्च पब्लिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि एक अच्छी रिसर्च वही होती है, जिसमें पूरे आंकड़ें दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि उनका हमेशा प्रयास रहता है कि वें अपने चिकित्सकों को हमेशा नवीनतम तकनीक से अपडेट रख सकें। डीन डॉ. कुलदीप सिंह लालर ने इस कांफ्रेंस के सफल आयोजन के लिए डॉ. सिम्मी खरब व डॉ. गजेंद्र सिंह की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि रिसर्च में अच्छे डाटा के बिना हम उसे अच्छे जनरल में पब्लिश नहीं करवा सकते। डॉ. लालर ने कहा कि समय समय पर इस प्रकार की कांफ्रेंस आयोजित होनी चाहिए ताकि युवा चिकित्सकों को रिसर्च के लिए अधिक प्रेरित किया जा सके।
प्रतिभागियों ने इस दो दिवसीय कांफ्रेंस में बहुत कुछ सीखा (Director Dr.S.S.Lohchab)
एमआरयू की अध्यक्ष डॉ. सिम्मी खरब ने कहा कि आज कांफ्रेेस में दूसरे दिन प्रतिभागियों को सिखाया गया कि एक्सपेरिमेंटल डिजाइन किस प्रकार करना है व इसमें क्या-क्या ध्यान रखना होता है। डॉ. सिम्मी ने बताया कि हमें रिसर्च करने से पहले यह विशेष रूप से ध्यान रखना होता है कि हमें कितना क्लीनिकल अनुभव होना चाहिए वहीं कितने मरीजों पर अध्ययन होगा, कितना समय लगेगा तथा हमें प्रोजैक्ट को कैसे लिखना है। डीन छात्र कल्याण डॉ. गजेंद्र ङ्क्षसह ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि प्रतिभागियों ने इस दो दिवसीय कांफ्रेंस में बहुत कुछ सीखा होगा। उन्होंने बताया कि रिसर्च के दौरान हमें पता होना चाहिए कि सैंपल का कैसे चयन करना है, कैसे जांच करनी है।
इस अवसर पर दर्जनों चिकित्सक रहे उपस्थित (Director Dr.S.S.Lohchab)
डॉ. गजेंद्र ने बताया कि हमें यह ध्यान रखना होता है कि कौन सी रिसर्च किस तरह के डाटा पर प्रयोग होती है। डॉ.महेश गोयल ने बताया कि रिसर्च के साथ-साथ हमें उसे पब्लिश कराने पर काम करना भी जरूरी है। इस अवसर पर डॉ. अमित मिश्रा, डॉ. अनुप कुमार ,डॉ. महेश गोयल, डॉ. मंजूनाथ, डॉ. हरनीत सिंह, आचार्य किरण, विपुल, रेनू सहित दर्जनों चिकित्सक उपस्थित थे।
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