इशिका ठाकुर, Karnal News: उपायुक्त अनीश यादव ने किसानों का आह्वान किया कि वे पानी की कम लागत वाली फसलों को अपनाएं ताकि जल संरक्षण को बढ़ावा दिया जा सके। धान की बिजाई का समय आ गया है, किसान भू-जल, लेबर व समय की बचत करने के लिए धान की सीधी बिजाई डीएसआर मशीन द्वारा करें। उन्होंने बताया कि इस विधि से बिजाई करने में 15 से 20 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है। जहां एक ओर धान की सीधी बिजाई वाली विधि से पैदावार, रोपाई करके लगाई गई धान की फसल के बराबर होती है, वहीं दूसरी ओर फसल 7 से 10 दिन पहले पक कर तैयार हो जाती है। जिस कारण धान की पराली सम्भालने व गेहूं अथवा सब्जियों की बिजाई करने के लिए अधिक समय मिल जाता है।
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किसान कृषि की नई तकनीकों को अपनाकर कम लागत में करें अधिक आय अर्जित : उपायुक्त अनीश यादव।
उपायुक्त ने कहा कि धान की सीधी बिजाई करने पर सरकार की ओर से 4 हजार रुपये प्रति एकड़ अनुदान राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि धान की सीधी बिजाई करने पर किसानों का खर्चा भी कम आता है और पानी की भी 15 से 20 प्रतिशत तक बचत होती है। इसके अलावा जमीन में पानी की क्षमता भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि धान की सीधी बिजाई करने पर फसल में विभिन्न प्रकार की बीमारियों तथा कीड़ों का प्रकोप तो कम होता ही है साथ ही धान की पैदावार में भी बढ़ोतरी होती है। उन्होंने कहा कि किसानों को जैविक खेती पर बल देना चाहिए और नई तकनीक अपनाकर कम लागत में अधिक आय अर्जित करनी चाहिए। किसानों को चाहिए कि वे फसलों में कीटनाशकों का कम से कम प्रयोग करें।
अब प्रति एकड़ 4 हजार रुपये की दी जाएगी सब्सिडी
उन्होंने बताया कि गत वर्ष सरकार की ओर से डीएसआर विधि से धान की बिजाई करने पर केवल ढाई एकड़ तक की बिजाई करने पर ही संबंधित किसान को 5 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से सब्सिडी दी जाती थी, लेकिन इस वर्ष सरकार द्वारा इसे ओपन कर दिया गया है यानि किसान जितना चाहे उतने एकड़ भूमि पर सीधी बिजाई कर सकता है और उसे प्रति एकड़ 4 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। इस बारे प्रत्येक किसान को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना जरूरी है।
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