नई दिल्ली। संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आज संविधान दिवस के अवसर पर बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि हमारा संविधान वैश्विक लोकतंत्र की सर्वोत्कृष्ट उपलब्धि है। यह न केवल अधिकारों के प्रति सजग रखता है बल्कि हमारे कर्तव्यों के प्रति जागरूक भी बनाता है। हमारा संविधान, हमारे लिए सबसे बड़ा और पवित्र ग्रंथ है। एक ऐसा ग्रंथ जिसमें हमारे जीवन की, हमारे समाज की, हमारी परंपराओं और मान्यताओं का समावेश है और नई चुनौतियों का समाधान भी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अधिकारों और कर्तव्यों के बीच के इस रिश्ते और इस संतुलन को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने बखूबी समझा था। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि अपने हर कार्यक्रम में, हर बातचीत में ड्यूटीज पर जरूर फोकस हो। उन्होंने कहा कि संविधान को अगर मुझे सरल भाषा में कहना है तो डिग्निटी फॉर इंडियन और यूनिटी फॉर इंडिया। इन्हीं दो मंत्रों को हमारे संविधान ने साकार किया है। नागरिक की डिग्निटी को सर्वोच्च रखा है और संपूर्ण भारत की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण रखा है।
पीएम मोदी ने कहा कि निष्कर्ष ये कि विशाल और विविध भारत की प्रगति के लिए, सुनहरे भविष्य के लिए, नए भारत के लिए, भी हमारे सामने सिर्फ और सिर्फ यही रास्ता है। संविधान की भावना अटल और अडिग रही है। अगर कभी कुछ इस तरह के प्रयास हुए भी हैं, तो देशवासियों ने मिलकर उनको असफल किया है, संविधान पर आंच नहीं आने दी है। सेंट्रल हॉल में पीएम मोदी ने कहा कि हमारा संविधान ‘हम भारत के लोग’ से शुरू होता है। हम भारत के लोग ही इसकी ताकत है, हम ही इसकी प्रेरणा है और हम ही इसका उद्देश्य है।
Sign in
Welcome! Log into your account
Forgot your password? Get help
Password recovery
Recover your password
A password will be e-mailed to you.