आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली | The Vikas Report : देश में डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर डिजिटल रुपए की शुरूआत की है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह गेम चेंजर साबित हो सकता है। नकली करंसी पर लगाम कसने में ई-रुपए की बड़ी भूमिका हो सकती है। सरकार का रुपए छापने का खर्च भी घटेगा। अर्थशास्त्री के अनुसार सरकार को रुपए छापने और उसके रखरखाव के लिए हर साल लगभग 6,000 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ते हैं।
डिजिटल रुपया लागू होने पर सरकार के इस खर्च में काफी कमी आएगी। डिजिटल रुपए से नकली करंसी पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। देश में रुपए को एक से दूसरी जगह ले जाने पर भी काफी पैसा खर्च करना पड़ता है। डिजिटल रुपए से इन समस्याओं का समाधान हो सकेगा।
ई-रुपया या डिजिटल रुपया
The Vikas Report : डिजिटल रुपया या ई-रुपया नोट और सिक्कों का डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप है। ई-रुपया के आने से अब आपको नोट या सिक्के रखने की जरूरत नहीं होगी। खरीदारी या किसी अन्य लेन-देन के लिए आप ई-रुपए का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसमें फर्क सिर्फ इतना है कि यह लेन-देन आपको आॅनलाइन यानी डिजिटली करना होगा। डिजिटल रुपया ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है।
यहां से लें डिजिटल रुपया
भारतीय रिजर्व बैंक पायलट प्रोजेक्ट के 8 बैंकों के जरिए डिजिटल रुपया उपलब्ध करवा रहा है। पहले चरण में मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में ये सुविधा है। दूसरे चरण में अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला में डिजिटल रुपया मिल सकेगा।
इन बैंकों के जरिए मिलेगा डिजिटल रुपया
पहले चरण में 4 बैंक स्टेट बैंक आॅफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में ये सुविधा उपलब्ध है। दूसरे चरण में बैंक आॅफ बड़ौदा, यूनियन बैंक आॅफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक के जरिए डिजिटल रुपया मिल सकेगा।
ऐसे मिलता है डिजिटल रुपया
आप भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के ऐप या वेबसाइट से डिजिटल रुपया खरीद सकते हैं। इसके लिए ग्राहकों के मोबाइल या किसी अन्य डिवाइस में बैंकों द्वारा एक डिजिटल वॉलेट उपलब्ध कराया जाता है। ग्राहक अपने बैंक के वॉलेट में इस डिजिटल करंसी को रख सकते हैं।
लेन-देन के प्रकार
डिजिटल रुपए से व्यक्ति-से-व्यक्ति और व्यक्ति-से-व्यापारी के बीच लेन-देन कर सकते हैं।
ई-रुपए से पेमेंट
जब आप किसी दुकान पर कोई सामान खरीदने जाएंगे तो आपको दुकानदार या मर्चेंट की ओर से एक क्यूआर कोड दिया जाएगा। इसे स्कैन करके आप अपने डिजिटल वॉलेट में जमा ई-रुपी से पेमेंट कर सकते हैं।
क्रिप्टो करंसी नहीं है डिजिटल रुपया
डिजिटल रुपया और क्रिप्टो करंसी बिलकुल अलग हैं। क्रिप्टो करंसी को कोई रेगुलेट नहीं करता। दूसरी तरफ डिजिटल रुपया पूरी तरह से आरबीआई के नियंत्रण में है। आरबीआई इसको लेकर नियम बना रहा है। आरबीआई ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस करंसी को लॉन्च किया है। क्रिप्टो की माइनिंग की जाती है, जबकि डिजिटल रुपया आरबीआई ही जारी करेगा।
डिजिटल रुपए की मान्यता
जिस तरह आरबीआई की ओर से जारी किया गया नोट हर जगह मान्य होता है, वैसे ही ई-रुपया लीगल टेंडर होगा। ये पूरी तरह से भारतीय रिजर्व बैंक के नियंत्रण में होगा।
किसी और देश में डिजिटल करंसी
अर्थशास्त्री के अनुसार दुनिया के कई देश डिजिटल करंसी लाने पर काम कर रहे हैं। चीन के कई शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर डिजिटल करंसी चलाई जा रही है। जी-20 के 16 देश डिजिटल करंसी पर काम कर रहे हैं। रूस के सेंट्रल बैंक ने दिसंबर, 2021 में कहा कि वो डिजिटल करंसी के प्रोटोटाइप पर काम कर रहा है।
डिजिटल रुपए तक आम लोगों की पहुंच
आरबीआई के मुताबिक ई-रुपए का डिस्ट्रीब्यूशन बैंकों के जरिए ही होगा। बैंकों के डिजिटल वॉलेट के जरिए व्यक्ति-से-व्यक्ति या व्यक्ति-से-मर्चेंट के बीच लेन-देन किया जा सकता है।
नकली नोट रोकने में मददगार
आज अर्थव्यवस्था में चल रहे नोट में अक्सर नकली नोट सामने आते रहते हैं। सरकार के लिए ये बड़ी चुनौती है। डिजिटल रुपए को कोई अन्य देश या व्यक्ति छाप नहीं सकेगा। ये पूरी तरह से आरबीआई के नियंत्रण में होगा।
भीम यूपीआई सेवा
संभव है कि भीम यूपीआई सेवा और डिजिटल रुपए की सेवा समानांतर चलती रहे। ये संभव है कि आने वाले समय में सरकार इन दोनों सेवाओं को आपस में मिला दे।
डिजिटल रुपया सेवा का संचालन
फिलहाल ई-रुपी की सुविधा नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन आॅफ इंडिया (एनपीसीआई) की ओर से दी जा रही है। एनपीसीआई ही ई-रुपए के पेमेंट के लिए क्यूआर कोड भी जारी कर रहा है।
डिजिटल रुपए से दुकानदारों का फायदा
इस सुविधा से दुकानदारों को तुरंत उनका पैसा मिल जाएगा। उन्हें कैश ले जाकर बैंक में जमा नहीं करना होगा। ये पूरी तरह से सुरक्षित पेमेंट का माध्यम है।
डिजिटल रुपया और ब्लैकमनी
डिजिटल रुपए के जरिए किया गया कोई भी ट्रांजेक्शन सरकार की नजर में होगा। कोई व्यक्ति डिजिटल रुपए के ट्रांजेक्शन को छुपा नहीं पाएगा। ऐसे में पारदर्शिता बढ़ेगी और काले धन पर रोक लगेगी।
लेन-देन में होगी आसानी
आज एनईएफटी या आरटीजीएस जैसे ट्रांजेक्शन करने पर पैसा एक से दूसरी जगह पहुंचने में कुछ समय लगता है लेकिन डिजिटल रुपए के जरिए पैसा भेजने पर जिसे पैसा मिलना है, उसे तुरंत मिल जाएगा।
डिजिटल रुपए की पहुंच
फिलहाल आरबीआई ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ये सेवा चुनिंदा शहरों तक चुनिंदा बैंकों के जरिए पहुंचाई है। इस पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने पर चरणबद्ध तरीके से ये सेवा बाकी शहरों में पहुंचाई जाएगी।
डिजिटल नोट से सरकार का फायदा
एक्सपर्ट्स के मुताबिक सरकार को आम लोगों की मांग को देखते हुए हर साल बड़ी संख्या में नए नोट छापने पड़ते हैं। इनकी लागत भी लगातार बढ़ रही है। 1 साल में सरकार को सिर्फ नोट छापने और उसके प्रबंधन के लिए 5 हजार करोड़ रुपए खर्च करने होते हैं। सरकार को ये खर्च घटाने में मदद मिलेगी। अभी भारत में 100 रुपए का 1 नोट प्रिंट करने में लगभग 10-18 रुपए खर्च आता है। वित्त वर्ष 2021-22 में आरबीआई ने 4.19 लाख अतिरिक्त नोट छापे थे।
यूपीआई पेमेंट और डिजिटल रुपए में अंतर
एक्सपर्ट्स के अनुसार यूपीआई के जरिये आप जो पेमेंट करते हैं, उसका ट्रांजेक्शन भले ही डिजिटल हो लेकिन बैंकों के बीच वह लेन-देन या सेटलमेंट कैश में ही होता है। उदाहरण के तौर पर आप किसी बैंक के ग्राहक हैं और आपने किसी दूसरे बैंक के ग्राहक को कोई पेमेंट यूपीआई के जरिए की है तो आपका बैंक उतना पैसा कैश के तौर पर उस दूसरे बैंक को भेजेगा। डिजिटल रुपए में लेन-देन का तरीका इससे थोड़ा अलग है। इसमें आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल नोट के जरिये हम पेमेंट कर सकते हैं। ये ट्रांजेक्शन उसी तरह होगा जैसे आपने किसी व्यक्ति को कोई पेमेंट कैश में किया हो।
डिजिटल रुपया वॉलेट में रखने पर नहीं मिलेगा किसी भी तरह का ब्याज
आपके सेविंग अकाउंट में पैसे पड़े होने पर उस पर ब्याज मिलता है लेकिन आपके वॉलेट में डिजिटल या ई-रुपया पड़ा होने पर आपको उसका ब्याज नहीं मिलेगा। इसे बैंकों में जमा समेत रुपए के अन्य रूप में बदला जा सकता है। डिजिटल रुपए के उपयोग से भौतिक मुद्रा के प्रबंधन से संबंधित परिचालन लागत कम होने की भी उम्मीद है।
इन शहरों में है ये सुविधा
पहले चरण में मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में ये सुविधा है। दूसरे चरण में अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला में डिजिटल रुपया मिल सकेगा।
ये भी पढ़ें : The Vikas Report : PLI से आत्मनिर्भर हो रहा भारत
ये भी पढ़ें : The Vikas Report : विश्व में हरित हाइड्रोजन का हब बनेगा इंडिया
ये भी पढ़ें : The Vikas Report : पूर्वोत्तर के लिए प्रधानमंत्री की विकास पहल ‘पीएम-डिवाइन’
ये भी पढ़ें : The Vikas Report : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला सशक्तिकरण के लिए उल्लेखनीय कार्य किए
ये भी पढ़ें : PM Address Indian Science Congress: भारत के पास आज डेटा व तकनीक दोनों, विज्ञान को दोनों में नई बुलंदियों पर पहुंचाने की ताकत