सरकार के बयान और नीति में अंतर: सांझा मोर्चा

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Difference Between Government's Statement And Policy
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संजीव कौशिक, Rohtak News:  हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य जय भगवान कादयान, वीरेंद्र सिंगरोहा, रमेश शयोकंद, इंद्र सिंह बधाना, आजाद गिल, विनोद शर्मा, ओमप्रकाश ग्रेवाल, कृष्ण कादयान, अशोक खोखर, प्रदीप दलाल ने संयुक्त बयान जारी कर बताया रोडवेज कर्मचारियों के आंदोलन के चलते अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन विभाग की ओर से पत्र जारी कर दिनांक 16 जून को हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा की मीटिंग बुलाई गई थी।

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सरकार कर्मचारियों की मांगों के प्रति गंभीर नहीं

बातचीत का निमंत्रण मिलने पर सांझा मोर्चा ने 8 जून को चंडीगढ़ में एसीएस को मिलने वाला मास डेपूटेशन कार्यक्रम स्थगित किया गया। इससे रोडवेज कर्मचारियों को उम्मीद थी। विभाग के कर्मचारियों की लंबित मांगों का समाधान किया जाएगा, लेकिन 15 जून 2022 को निदेशक परिवहन विभाग हरियाणा की ओर से एक पत्र जारी कर मीटिंग को आगामी आदेशों तक रद्द कर दिया गया। इससे रोडवेज कर्मचारियों में भारी रोष है। मोर्चा नेताओं ने कहा मीटिंग स्थगित करने से प्रतीत होता कि सरकार कर्मचारियों की मांगों के प्रति गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा सरकार सांझा मोर्चा से बातचीत करने की बजाय विभाग की निजीकरण की योजना में लगी हुई है।

रोडवेज में 10 हजार बसें शामिल करने की मांग

सांझा मोर्चा नेताओं ने कहा बढ़ती आबादी अनुसार विभाग में 10 हजार बसें शामिल करने, हरियाणा कौशल रोजगार निगम भंग कर स्थाई भर्ती करने सहित लम्बित मांगों को लागू करवाने के लिए रोडवेज कर्मचारी लम्बे समय से संघर्षरत हैं। दिनांक 1 जून से 3 जून तक हस्ताक्षर अभियान चलाकर आम जनता की राय ली जिसमें छात्र-छात्राओं एवं आम जनता ने लाखों हस्ताक्षर करके रोडवेज के बेड़े में नई बसें शामिल करने के लिए रोडवेज कर्मचारियों की मांग को सही बताते हुए उसका समर्थन किया।

सरकार को निजीकरण का इरादा छोड़ने की हिदायत

किसी भी व्यक्ति की ओर से प्राइवेट बसों की मांग नहीं की गई। इसके बावजूद सरकार बिना किसी मांग के प्राइवेट बसों को रोडवेज विभाग में देना चाहती है। सांझा मोर्चा नेताओं ने कहा अगर सरकार की नीयत व नीति सही है तो सरकार निजीकरण का इरादा छोड़ कर विभाग में 10 हजार सरकारी बसें शामिल करें, ताकि जनता को बेहतर व सुरक्षित परिवहन सेवा मिलने के साथ 60 हजार बेरोजगारों को रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा सरकारी बसें बढ़ाने से सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी। लेकिन सरकार किलोमीटर स्कीम की बसों पर जोर दे रही है। सांझा मोर्चा किलोमीटर स्कीम बसों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा। कर्मचारी नेताओं ने बताया आगामी 24 जून को 11बजे महासंघ कार्यालय गोहाना में सांझा मोर्चा की मीटिंग बुलाई है, जिसमें आगामी आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी।

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