मनोज वर्मा, कैथल:
Dietician Gunjan Mittal: अनियमित मल त्याग(इर्रेगुलर बॉवेल मूवमेंट्स) के लिए भोजन का एक महत्वपूर्ण संबंध है। क्योंकि यह पाचन प्रक्रिया के सामान्य या असामान्य होने के लिए जिम्मेदार है। कई खाद्य पदार्थ ऐसे लक्षणों से राहत दिलाने में भूमिका निभा सकते हैं, जो मल के नरम होने, आंत के संक्रमण के समय में कमी और मल की आवृत्ति में वृद्धि की अवधारणाओं पर आधारित होते हैं।
डायटीशियन गुंजन मित्तल ने बताया कि कब्ज में क्या खाना चाहिए (Dietician Gunjan Mittal)
ऐसी स्थितियों में उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ महत्वपूर्ण हैं। उनमें से कुछ में ताजे फल जैसे प्रून, सेब, अनन्नास, कीवी, खट्टे फल और नाशपाती, सूखे मेवे जैसे अंजीर, हरी और पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, आर्तिचोक और चिकोरी, रूबर्ब, शकरकंद, बीन्स, मटर और दाल, बीज जैसे चिया के बीज, अलसी के बीज, साबुत अनाज जैसे अनाज, जई का चोकर और केफिर शामिल हैं।
कब्ज में क्या नहीं खाना चाहिए (Dietician Gunjan Mittal)
कब्ज एक ऐसी स्थिति है जो आमतौर पर शारीरिक गतिविधि की कमी और एक स्थिर जीवन शैली के कारण होती है। भोजन, पाचन प्रक्रिया से जुड़ा होने के कारण, स्थिति को भी प्रभावित करता है और इसके बेहतरी या स्थिति के बिगडऩे के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है। इस तरह के खाद्य पदार्थों में मूल रूप से फाइबर की मात्रा कम या नमक की अधिक मात्रा होती है या इसमें टैनिन जैसी चीजें हो सकती हैं, जो ऐसी असुविधाजनक स्थितियों में सहायता करती हैं। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं। ग्लूटेन युक्त खाद्य पदार्थ जिनमें गेहूं, राई, जौ, वर्तनी(स्पेल्ट), कामुत और ट्रिटिकल शामिल हैं। प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ जिनमें अनाज और सफेद ब्रेड, सफेद चावल और सफेद पास्ता जैसे उत्पाद शामिल हैं। दूध सहित दूध और डेयरी उत्पाद, लाल मांस, तला हुआ और साथ ही फास्ट फूड इत्यादि।
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