Did Vikas Dubey fear the encounter? Why he shouted – I am Vikas Dubey, Kanpur: क्या एनकाउंटर का डर सताने लगा था विकास दुबे को? क्यों वह चिल्लाया- मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला।

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नई दिल्ली। यूपी पुलिस और प्रशासन के लिए हिस्ट्रशीटर बदमाश विकास दुबे इतनी बड़ी मुसीबत बन गया था। उत्तर प्रदेश पुलिस को वि कास दुबे को पकड़ा उसके लिए नाक की बात हो गई थी। लेकिन विकास दुबे तक पुलिस की हर प्लानिंग की खबर पहुंच जा रही थी। कानपुर में आठ पुलिस वालों को मौत के घाट उतारने के बाद भागा बदमाश छह दिनों तक पुलिस को चकमा द ेता रहा। यूपी पुलिस की कई टीमेंऔर एसटीएफ के लोग विकास के पीछे लगे थे लेकिन विकास तक पहुंच नहीं पा रहे थे। तमाम टीमों और पुलिस के उपायों को धता बता कर विकास दुबे मध्य प्रदेश पहुंच गया। मध्य प्रदेश के महाकाल मंदिर में पहुंचा और खुद की पहचान चिल्ला-चिल्लाकर बताई। पूरे नाटकीय अंदाज में विकास दुबेनेमहाकालेश्वर मंदिर के पास गिरफ्तारी दी। महाकाल मंदिर में उसने खुद अपनी पहचान बताई- मैं हूं विकास दुबे, कानपुरवाला। हालांकि विकास दुबे की गिरफ्तारी तो हो गई लेकिन अब भी कई सवाल उन सलझे हैं।

यूपी पुलिस का दामन अब भी मैला है क्योंकि विकास दुबे इतने दिनों तक किस तरह से बचता रहा और पुलिस और एसटीएफ के अंदर की जानकारियां भी उस तक पहुंच रहीं थीं। जिसके कारण वह मध्य प्रदेश तक पहुंच गया और पुलिस को भनक तक नहीं लग पाई। बता देंकि कहीं न कहीं विकास को अब अपने एनकाउंटर का डर सता रहा था इसलिए वह एक सुरक्षित स्थान में अपनी गिरफ्तारी देना चाहता था। इसलिए उसने महाकाल का मंदिर चुना जो हाईसेक्योरिटी जोन है। पहले ऐसी खबर थी कि वह किसी न्यूज चैनल के स्टूडियो में सरेंडर की प्लानिंग कर रहा है जिसके कारण नोयडा केफिल्म सिटी के बाहर भी पुलिस को तैनात कर दिया गया था। इनके साथ ही गुरुवार सुबह पुलिस ने विकास के दो साथियों प्रभात और बउअन दुबे को कानपुर और इटावा मेंएनकाउंटर किया। बुधवार को उसके शार्प शूटर अमर का अंत भी इसी अंदाज में हुआ था। इससे पहले शुक्रवार को उसके दो साथियों प्रकाश पांडे और अतुल दुबे को पुलिस ने मार गिराया था।