नई दिल्ली। शिवसेना नेता संजय राउत ने इंदिरा गांधी की अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से मुलाकात की बात कहकर नए विवाद को हवा दे दी है। अब भाजपा भी इस पर अपने हाथ सााफ कर रही है। हालांकि संजय राउत अपने बयान पर सफाई दे चुके है लेकिन फिर भी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राउत के बयान पर कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने है कि क्या अंडरवर्ल्ड के सहारे कांग्रेस चुनाव जीतती थी? क्या कांग्रेस को अंडरवर्ल्ड से फंडिंग होती थी? देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि इंदिराजी पर इतने गंभीर आरोप लगे है तो कांग्रेस मौन क्यों है। कांग्रेस को इन सब सवालों के जवाब देना चाहिए। सोनिया जी, राहुल जी और प्रियंका जी जवाब दें। अपने बयान के बाद संजय राउत ने कहा था कि करीम लाला अफगानिस्तान से आए पठानों के नेता थे और उनसे बहुत से लोग मिलने जाते थे। यह मुलाकात एक पठान नेता के रूप में होती थी जिसमें वह लोगों की समस्या को जानते थे। उन्होंने आगे कहा कि मैंने हमेशा इंदिरा, नेहरू और गांधी परिवार का सम्मान किया है। जब मैं विपक्ष में था तो उस वक्त भी मैं इंदिरा जी का सम्मान करता था। जब-जब इंदिरा गांधी पर हमला हुआ तो मैंने उनका बचाव किया था। एक कार्यक्रम में शिवसेना नेता संजय राउत ने दावा किया था कि करीम लाला, मस्तान मिर्जा उर्फ हाजी मस्तान और वरदराजन मुदलियार मुंबई के शीर्ष माफिया सरगनाओं में थे जो 1960 से लेकर अस्सी के दशक तक सक्रिय रहे। उन्होंने कहा था कि वे (अंडरवर्ल्ड) तय करते थे कि मुंबई का पुलिस आयुक्त कौन बनेगा, मंत्रालय (सचिवालय) में कौन बैठेगा। उन्होंने दावा किया कि हाजी मस्तान के मंत्रालय में आने पर पूरा मंत्रालय उसे देखने के लिए नीचे आ जाता था। इंदिरा गांधी पाइधोनी (दक्षिण मुंबई में) में करीम लाला से मिलने आती थीं।